रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2022 में बैंक ऋण में 9-10 फीसदी की वृद्घि होने की उम्मीद है। एजेंसी ने इसकी वजह अर्थव्यवस्था के धीरे धीरे सुस्ती से उबरने, बजटीय समर्थन और केंद्रीय बैंक की ओर से उठाए गए वृद्घि को मजबूती देने वाले उपायों को बताया है। कोरोनावायरस के प्रसार के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में बैंक ऋण में 0.8 फीसदी का संकुचन आने के बावजूद रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि वित्त वर्ष के अंत तक इसमें 4 से 5 फीसदी की उछाल आ सकती है। यह अनुमान जून 2020 के उसके अनुमान से अलग है। तब उसने वित्त वर्ष 2021 में 0-1 फीसदी की बैंक ऋण वृद्घि का अनुमान जताया था।
अनुमान में यह बदलाव अर्थव्यवस्था के धीरे धीरे खुलने के बाद आर्थिक गतिविधियों में तीव्र परिवर्तन के कारण है। इसमें लॉकडाउन के बाद दबी हुई हुई मांग के साथ साथ त्योहारी मांग का भी योगदान है।चालू वित्त वर्ष में कॉर्पोरेट को दिए जाने वाले ऋण वृद्घि में संकुचन आने के आसार हैं क्योंकि उन्होंने अपने पूंजीगत व्यय योजनाओं को बदल दिया है। हालांकि रेटिंग एजेंसी के मुताबिक वित्त वर्ष 2022 में कॉर्पोरेट ऋण वृद्घि 5-6 फीसदी के दायरे में रहने की उम्मीद है जिसे केंद्र सरकार को बुनियादी ढांचा को बल देने और उसी के अनुरूप में मांग में सुधार से बल मिल सकता है।
इसी तरह से खुदरा ऋण जिसकी बदौलत बैंक ऋण वृद्घि यहां तक पहुंची है वित्त वर्ष 2021 में 9-10 फीसदी घट सकता है जिसके बाद यह पिछले कुछ वर्षों के मध्य दो अंक की वृद्घि पर लौट सकता है। अगले वित्त वर्ष में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को दिया जाने वाला ऋण मामूली घटकर 8-9 फीसदी रह सकता है क्योंकि हो सकता है कि आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी न रहे।