चालू वित्त वर्ष में सितंबर मध्य तक कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत अग्रिम कर संग्रह 20.73 फीसदी बढ़कर 3.55 लाख करोड़ रुपये रहा। पिछले साल की इसी अवधि में सरकार को 2.94 लाख करोड़ रुपये का अग्रिम कर मिला था।
माना जा रहा है कि प्रत्यक्ष कर प्राप्तियों में बढ़ोतरी की वजह दूसरी तिमाही में कंपनियों के मुनाफे में सुधार, कर अनुपालन और विभिन्न प्रवर्तन कार्रवाई रहीं। कर संग्रह में मजबूत वृद्धि से सरकार को अपनी व्यय योजनाओं को मदद देने में सहूलियत होगी और राजकोषीय घाटे को कम करने की भी गुंजाइश रहेगी।
चालू वित्त वर्ष में 1 अप्रैल से 16 सितंबर तक कुल अग्रिम कर भुगतान में भारतीय उद्योग जगत ने 2.80 लाख करोड़ रुपये तथा व्यक्तिगत करदाताओं ने 74,858 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
इस दौरान कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह में 23.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 8.65 लाख करोड़ रुपये रहा। इसमें कॉर्पोरेट कर की हिस्सेदारी 4.16 लाख करोड़ रुपये और प्रतिभूति लेनदेन कर सहित व्यक्तिगत आयकर का हिस्सा 4.47 लाख करोड़ रुपये रहा।
कर संग्रह में इजाफा पूरे वित्त वर्ष के लिए अनुमानित 10 फीसदी की वृद्धि से कहीं ज्यादा है। इससे संकेत मिलता है कि सरकार प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य आसानी से हासिल कर लेगी।
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए 18.23 लाख करोड़ रुपये प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य रखा है। इसमें 9.2 लाख करोड़ रुपये कॉर्पोरेट कर से और 9 लाख करोड़ रुपये व्यक्तिगत आयकर से जुटाए जाने की उम्मीद है। अप्रैल-जुलाई के दौरान कॉर्पोरेट कर संग्रह की प्राप्तियों में गिरावट को देखते हुए पहले प्रत्यक्ष कर संग्रह की रफ्तार को लेकर चिंता जताई जा रही थी। 17 जून तक अग्रिम कर संग्रह 13.7 फीसदी बढ़कर 1.16 लाख करोड़ रुपये रहा था जबकि शुद्ध कर संग्रह 3.79 लाख करोड़ रुपये रहा था।
अग्रिम कर का भुगतान पूरे वित्त वर्ष के दौरान अनुमानित आय के आधार पर चार किस्तों में किया जाता है। अग्रिम कर संग्रह को अर्थव्यवस्था का आईना भी माना जाता है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अंतरिम आंकड़े जारी करते हुए कहा, ’16 सितंबर तक अग्रिम कर संग्रह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 23.5 फीसदी बढ़ा है। इस दौरान सरकार ने 1.21 लाख करोड़ रुपये का रिफंड भी जारी किया है।’
कुल अग्रिम कर संग्रह में स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) 5.19 लाख करोड़ रुपये, स्व-आकलन कर 82,460 करोड़ रुपये, नियमित आकलन कर 21,175 करोड़ रुपये, अन्य मदों में 8,248 करोड़ रुपये की प्राप्तियां हुई हैं।