राज्य सरकारों को श्रम संहिता के अनुकूल बनाने और क्षमता निर्माण के लिए केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय संसद के बजट सत्र के बाद राज्य सरकार के श्रम अधिकारियों की प्रशिक्षण कार्यशाला कराने की योजना बना रहा है। इस मामले से जुड़े सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी।
सूत्र ने कहा, ‘राज्य के अधिकारियों के साथ हुई हमारी चर्चा में यह पाया गया कि तमाम राज्य अभी भी नई श्रम संहिता के मकसद और उसकी जटिलताओं को पूरी तरह समझ नहीं पा रहे हैं। कुछ राज्यों ने इन संहिताओं के तहत मसौदा नियम तैयार किए हैं, जो केंद्रीय कानून की प्रकृति और संभावनाओं से बिल्कुल अलग है। इससे पूरी कवायद ही बेकार हो रही है। ऐसे में अधिकारियों को नए नियमों के प्रति अनुकूल और संवेदनशील बनाने के लिए कार्यशाला की योजना बनाई जा रही है।’
अधिकारियों के लिए कार्यशालाएं क्षेत्रीय स्तर पर होंगी। इसमें राज्यों के समूह के अधिकारी हिस्सा लेंगे और केंद्र के अधिकारियों से बात करेंगे। ये कार्यशालाएं श्रम संहिताओं को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने के लिए राज्यों को तैयार करेंगी और प्रक्रिया की विधिक चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहा जाए। यह अगस्त 2022 में श्रम मंत्रियों की बैठक के दौरान हुई आम सहमति को भी आगे बढ़ाने की कवायद होगी।
सूत्रों ने कहा, ‘केंद्र सरकार और राज्यों के बीच विभिन्न स्तरों पर पिछले 2 साल से आंतरिक चर्चाएं चल रही हैं। इसमें उल्लेखनीय प्रगति भी हुई है। हम निकट भविष्य में सभी श्रम संहिताएं लागू किए जाने को लेकर आशान्वित हैं।’