क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स के लिए उन कंपनियों से संपर्क करना एक बड़ी चुनौती हो सकती है, जो उसके आक्रामक अधिग्रहण को रोक सकें। संकटग्रस्त प्लेटफॉर्म एक चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसमें बड़ी देनदारियां, वैश्विक क्रिप्टो एक्सचेंज बाइनैंस के साथ विवाद शामिल है।
कंपनी अपने पुनर्गठन का प्रयास कर रही है इसलिए निवेशकों का भी भरोसा उसके प्रति कम हो रहा है। कंपनी के करीबी सूत्रों ने बताया कि कंपनी संभावित सौदे के लिए कई क्रिप्टो प्लेटफॉर्म के साथ संपर्क में है।
प्रवादती लीगल के लीगल पार्टनर, कॉइनिक कंसल्टिंग और संस्थापक नवोदय सिंह राजपुरोहित ने कहा, ‘यह किसी भी व्हाइट नाइट के लिए समझदारी भरा कदम होगा जो वजीरएक्स की मूल कंपनी जेट्टाई का पूरी तरह से अधिग्रहण करने जा रही है। उसके पास यह मौका होगा कि वह किसी भी मौजूदा देनदारियों से खुद को बाहर कर ले अथवा उपयोगकर्ताओं के किसी भी तरह के दावे के खिलाफ अपने पक्ष में क्षतिपूर्ति प्राप्त कर ले। जेट्टाई का अधिग्रहण करने वाले खरीदार की प्रोत्साहन के लिए सिर्फ उसकी परिसंपत्ति और उपयोगकर्ताओं का डेटा अथवा ग्राहक होंगे।’
मगर प्रतिबंध झेलने जा रही कंपनी अधिकतर ऋणदाता प्लेटफॉर्म से अन्य एक्सचेजों में जाने पर विचार करेंगे क्योंकि कंपनी पुनर्गठन की प्रक्रिया से गुजर रही है।
सराफ ऐंड पार्टनर्स के पार्टनर साहिल अरोड़ा ने कहा, ‘वजीरएक्स खरीदने से नाइट व्हाइट को कई सारे फायदे होंगे, जिसमें भारतीय क्रिप्टो क्षेत्र में प्रवेश करना अथवा अपनी उपस्थिति को और मजबूत करना तथा बड़े उपयोगकर्ता आधार तर पहुंच शामिल है, लेकिन हालिया साइबर हमलों के बाद मौजूदा ग्राहक आधार को बरकरार रखने में भी परेशानियां सामने आ सकती हैं।’
कंपनी ने कहा था कि उसके पास 1.6 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ताओं का आधार है और वह 54.65 करोड़ डॉलर की देनदारियों का सामना कर रही है। भारत की प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनियों में से एक वजीरएक्स को जुलाई में सुरक्षा संबंधी धोखाधड़ी का सामना करना पड़ा था।
इस कारण प्लेटफॉर्म को 23 करोड़ डॉलर मूल्य की अपनी आधे से अधिक की डिजिटल संपत्ति भी हाथ से गंवानी पड़ी थी।
सितंबर में कंपनी ने कहा था कि वह पूंजी प्रदान करने और साझेदारी तथा सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए किसी व्हाइट नाइट (संकट में साथ देने वाले व्यक्ति अथवा कंपनी) की तलाश कर रही है।