नकदी की किल्लत से जूझ रही दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया (वी) पूंजी जुटाने के लिए अगले हफ्ते 18,000 करोड़ रुपये का अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) लाएगी। वोडा-आइडिया इस पूंजी की बदौलत रिलायंस जियो और भारती एयरटेल को टक्कर देने की कोशिश करेगी।
एफपीओ सफल रहा तो यह अब तक का सबसे बड़ा एफपीओ होगा। इससे पहले जुलाई 2020 में येस बैंक का 15,000 करोड़ रुपये का एफपीओ आया था। फरवरी 2023 में अदाणी एंटरप्राइजेज 20,000 करोड़ रुपये का एफपीओ लाई थी मगर पूरा अभिदान मिलने के बाद भी कंपनी ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के कारण उसे रद्द कर दिया था।
वोडा-आइडिया का एफपीओ 18 अप्रैल को खुलेगा और 22 अप्रैल को बंद होगा। बिड़ला समूह की कंपनी इसके लिए सोमवार से रोडशो शुरू करेगी। रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इस एफपीओ में अमेरिका की जीक्यूजी पार्टनर्स 4,200 करोड़ रुपये और एसबीआई म्युचुअल फंड 1,700 करोड़ से 2,500 करोड़ रुपये के बीच निवेश कर सकती है। एफपीओ संभालने वाले निवेश बैंकरों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि कीमत आकर्षक होने की वजह से बिक्री के लिए लाए जा रहे शेयरों से ज्यादा शेयरों के लिए बोली लगने की उम्मीद है।
वोडा-आइडिया ने एफपीओ का मूल्य दायरा 10 से 11 रुपये प्रति शेयर तय किया है। मूल्य दायरा सामने आने के बद कंपनी का शेयर कारोबार के दौरान 5.8 फीसदी टूट कर 12.2 रुपये तक चला गया था मगर कारोबार की समाप्ति पर यह 1.54 फीसदी चढ़कर 13.2 रुपये पर बंद हुआ। निर्गम का निचला मूल्य दायरा पिछले बंद भाव से 24 फीसदी और प्रवर्तक आदित्य बिड़ला समूह को हाल में मंजूर किए गए 2,075 करोड़ के तरजीही शेयर के भाव से 32 फीसदी कम है।
फरवरी में वोडा-आइडिया के निदेशक मंडल ने इक्विटी के जरिये 20,000 करोड़ रुपये और कर्ज तथा इक्विटी से कुल 45,000 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दी थी। नई पूंजी से कंपनी को वित्तीय मोर्चे पर राहत मिलेगी और वह नेटवर्क बढ़ाने के लिए अलग से निवेश कर पाएगी।
वोडा-आइडिया पर इस समय 2.38 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है और मार्च 2023 के अंत तक उसका नेटवर्थ ऋणात्मक 74,359 करोड़ रुपये था। कंपनी पिछले 8 साल से लगातार घाटे में चल रही है और वित्त वर्ष 2023 में उसे 29,371 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था।
वोडा-आइडिया को वित्त वर्ष 2023 में 6,251 करोड़ रुपये के नकद प्रवाह का नुकसान भी उठाना पड़ा था। साल दर साल कंपनी का नुकसान बढ़ता रहा है। हालांकि वित्त वर्ष 2024 के पहले 9 महीनों में कंपनी का शुद्ध घाटा 23,563 करोड़ रुपये रहा और नकदी प्रवाह का नुकसान 6,681 करोड़ रुपये रहा।
लगातार घाटा उठाने की वजह से कंपनी के कामकाज पर भी असर पड़ा है और वह नेटवर्क विस्तार तथा 5जी तकनीक अपनाने में प्रतिस्पर्धी कंपनियों से काफी पीछे रह गई है। वोडा-आइडिया ने बीते 3 साल में करीब 48,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत निवेश किया है, जो भारत एयरटेल के 1.12 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले आधा है और जियो के 2.5 लाख करोड़ रुपये का महज पांचवां हिस्सा है।
मार्केटिंग और ब्रांड प्रमोशन पर वोडा-आइडिया का निवेश भी उद्योग में सबसे कम है। इन सभी वजहों से कंपनी धीरे-धीरे ग्राहक गंवा रही है। मई 2019 में वोडा-आइडिया के सक्रिय ग्राहकों की संख्या 33.36 करोड़ थी जो दिसंबर 2023 में घटकर 21.52 करोड़ रह गई। वोडा-आइडिया के नुकसान का सबसे ज्यादा लाभ रिलायंस जियो और भारती एयरटेल को मिला है।
कुछ विश्लेषकों को लगता है कि एफपीओ के जरिये नए पूंजी निवेश से कंपनी को अपने ग्राहक बनाए रखने में मदद मिलेगी। मगर कुछ को संदेह है कि निर्गम से आने वाले18,000 करोड़ रुपये कंपनी के कुल 1.4 लाख करोड़ रुपये घाटे और भारी-भरकम पूंजी की जरूरत पूरी करने के लिए काफी नहीं होंगे। एफपीओ से कंपनी की चुकता पूंजी करीब 65,000 करोड़ रुपये होगी और कुल जारी किए गए शेयर 6500 करोड़ हो जाएंगे।