सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर (Twitter) का दिल्ली स्थित दफ्तर दिसंबर से ही खाली पड़ा है और अब मुंबई में भी एक कार्यालय खाली कर दिया है। लागत बचाने के लिए कंपनी ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह दी है।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने संवाददाता ने दक्षिण दिल्ली के महरौली में ट्विटर के कार्यालय का ने जायजा लिया। इस दौरान वहां के सूत्रों ने पुष्टि की कि कार्यालय दिसंबर से बंद है। हालांकि, क्रिसेंट बिल्डिंग के एक्जीक्यूटिव सेंटर के स्वागत कक्ष में अभी भी ‘ट्विटर कम्युनिकेशंस’ लिखी एक नेमप्लेट लगी हुई है।
नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा, ‘पहले ही बमुश्किल कुछ लोग थे और फिर दिसंबर से तो इसका उपयोग ही नहीं हो रहा है। पिछले कुछ महीनों से तो यहां कोई कदम भी नहीं रख रहा है।’
को-वर्किंग स्पेस के एक अन्य व्यक्ति ने कहा, ‘जहां तक मुझे पता है दिसंबर से ही कंपनी ने जगह (दफ्तर) खाली कर दी है। महामारी के बाद से ही वे घर से काम कर रहे थे, लेकिन कुछ महीनों से हमारे पास उनका ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जिससे संपर्क किया जा सके।’
सूत्रों ने कहा कि बॉम्बे-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में वी-वर्क में ट्विटर के कार्यालय में कोई नहीं आ रहा है। यहां ट्विटर के पास 100 से अधिक लोगों के लिए जगह थी। इस बाबत ट्विटर को भेजी गई ई-मेल का कोई जवाब भी नहीं मिला।
कार्यालयों के बंद होने के साथ, आईटी नियमों की आवश्यकता के अनुसार, सोशल मीडिया कंपनी ने बेंगलूरु के डिकेंसन रोड स्थित कार्यालय में भी अपनी उपस्थिति कम कर दी है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी बेंगलूरु में एक कार्यालय का संचालन करती है, जिसमें ज्यादातर इंजीनियर रहते हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के लिए आवश्यक है कि 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं वाली सोशल मीडिया कंपनियों का भारत में दफ्तर हो।
ट्विटर ने पिछले साल के अंत में भारत में अपने लगभग 200 से अधिक कर्मचारियों में से 90 फीसदी से अधिक को निकाल दिया, क्योंकि इसके अरबपति मालिक एलन मस्क ने लागत में कटौती की। ब्लूमबर्ग ने बताया है कि कंपनी ने जनवरी में सिंगापुर में अपने कर्मचारियों को उसी दिन परिसर खाली करने और घर से काम करने के लिए कहा था।