facebookmetapixel
India’s Biggest BFSI Event – 2025 | तीसरा दिन (हॉल – 1)एयर इंडिया ने ओनर्स से मांगी ₹10,000 करोड़ की मदद, अहमदाबाद हादसे और एयरस्पेस पाबंदियों से बढ़ा संकट₹6,900 लगाकर ₹11,795 तक कमाने का मौका! HDFC Securities ने सुझाई Bank Nifty पर Bear Spread स्ट्रैटेजीStock Market Today: लाल निशान के साथ खुले सेंसेक्स और निफ्टी; जानें टॉप लूजर और गेनरStocks to Watch today: स्विगी, रिलायंस और TCS के नतीजे करेंगे सेंटीमेंट तय – जानिए कौन से स्टॉक्स पर रहेंगी नजरेंLenskart ने IPO से पहले 147 एंकर निवेशकों से ₹3,268 करोड़ जुटाएBFSI Summit 2025: बीमा सेक्टर में दिख रहा अ​स्थिर संतुलन – अजय सेठरिलायंस और गूगल की बड़ी साझेदारी: जियो यूजर्स को 18 महीने फ्री मिलेगा एआई प्रो प्लानबीमा सुगम उद्योग को बदलने के लिए तैयार : विशेषज्ञअस्थिर, अनिश्चित, जटिल और अस्पष्ट दुनिया के लिए बना है भारत: अरुंधति भट्टाचार्य

‘स्टील और सीमेंट इंडस्ट्री को नेट जीरो टार्गेट हासिल करने के लिए चाहिए 47 लाख करोड़ का निवेश’

रिपोर्ट में कहा गया कि इन दोनों क्षेत्रों को शुद्ध-शून्य का लक्ष्य हासिल करने के लिए अतिरिक्त परिचालन व्यय में हर साल एक लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।

Last Updated- October 12, 2023 | 2:01 PM IST
Steel

घरेलू इस्पात और सीमेंट उद्योग को शुद्ध शून्य लक्ष्य हासिल करने के लिए 47 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश की आवश्यकता होगी। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई। भारत दुनिया में इस्पात और सीमेंट का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। ये दोनों ही उत्सर्जन-गहन उद्योग हैं जिन्हें कम करना मुश्किल है।

ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) की रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ भारत के मौजूदा इस्पात और सीमेंट संयंत्रों को शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिए अतिरिक्त पूंजीगत व्यय में 47 लाख करोड़ रुपये (627 अरब अमेरिकी डॉलर) की आवश्यकता होगी।’’

रिपोर्ट में कहा गया कि इन दोनों क्षेत्रों को शुद्ध-शून्य का लक्ष्य हासिल करने के लिए अतिरिक्त परिचालन व्यय में हर साल एक लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।

यह भी पढ़ें : JTL Industries Q2 Results: कंपनी का दूसरी तिमाही में नेट प्रॉफिट 34 प्रतिशत बढ़ा

सीईईडब्ल्यू के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुणाभ घोष ने कहा, ‘‘ भारत के इस्पात और सीमेंट उद्योगों को डीकार्बोनाइजिंग करने से न केवल इसकी जलवायु महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि तेजी से स्थिरता-संचालित नियमों वाली दुनिया में इनके बाजार भविष्य के लिए तैयार होंगे।’’

First Published - October 12, 2023 | 2:01 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट