देश के स्टार्टअप तंत्र में इस कैलेंडर वर्ष में फंडिंग में तेजी नहीं आई है। इससे सात वर्षों में सर्वाधिक गैर निवेशित उद्यम पूंजी (uninvested venture capital ) एकत्रित हो गई है, क्योंकि निवेशक स्टार्टअप कंपनियों के सही मूल्यांकन का इंतजार कर रहे हैं।
भारत में प्रमुख निवेशकों के सबसे बड़े नेटवर्क इंडियन ऐंजल नेटवर्क के सह-संस्थापक पद्मजा रूपारेल का कहना है, ‘निवेशक अब उन कंपनियों में निवेश करने को इच्छुक हैं जो अच्छे राजस्व एवं मुनाफे से जुड़ी हुई हों। इससे मूल्यांकन ज्यादा वास्तविक बन गए हैं।’
मार्केट इंटेलीजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सकन के आंकड़े के अनुसार, इस साल 1 जनवरी से 21 मार्च के बीच 231 फंडिंग सौदे हुए। हालांकि इनसे धारणा को मजबूत बनाने में सफलता नहीं मिली, क्योंकि उद्यमियों के साथ साथ निवेशक भी यह मान रहे हैं कि फंडिंग में कथित कमजोरी अभी बरकरार रहेगी।
इस साल फंडिंग 10.5 अरब डॉलर के मुकाबले कम रही। पिछले साल 1 जनवरी से 21 मार्च के दौरान 696 सौदों के जरिये 10.5 अरब डॉलर की फंडिंग हुई थी। इसके अलावा, यूनिकॉर्न की संख्या में इजाफा नहीं हुआ है। यूनिकॉर्न ऐसी स्टार्टअप कंपनियों को कहा जाता है जिनकी वैल्यू 1 अरब डॉलर से अधिक होती है।
वर्ष2022 के मध्य में फंडिंग में नरमी आने से पहले तक स्टार्टअप क्षेत्र के लिए यूनिकॉर्न बेहद आकर्षक थीं। वर्ष 2022 में 23 यूनिकॉर्न शामिल हुईं, और 2021 में यह संख्या 42 थी।
कम से कम 80 स्टार्टअप में शुरुआती चरणों में निवेश कर चुकी 100एक्स डॉट वीसी के सह-संस्थापक शशांक रनडेव ने कहा, ‘पूर्व में, कई कंपनियों ने दबाव में आकर ऊंचे मूल्यांकन पर कोष जुटाए। निवेशक अब मान रहे हैं कि इसके लिए कम मूल्यांकन जरूरी है और वे व्यवसाय के मुख्य आधार को देखते हैं।’
यूनिकॉर्न की संख्या नहीं बढ़ने के बावजूद, इस साल बड़े निवेश राउंड हुए। अपने मौजूदा 1 अरब डॉलर के राउंड के तहत फोनपे अब तक तीन बार में 65 करोड़ डॉलर जुटाने के लिए सुर्खियों में रही है।
लेंसकार्ट ने पिछले सप्ताह अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी से 50 करोड़ डॉलर जुटाए। बीमा टेक्नोलॉजी स्टार्टअप इंश्योरेंसदेखो (InsuranceDekho) ने पिछले महीने सीरीज ए राउंड में 15 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटाई।
हालांकि यदि 2022 की तुलना करें तो बड़े आकार के सौदों की संख्या में तेजी आना बाकी है। 2022 में 10 करोड़ डॉलर आकार के 61 निवेश राउंड दर्ज किए गए, और 2021 में ऐसे 105 राउंड दर्ज किए गए।
रेवफिन सर्विसेज के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी (CEO) समीर अग्रवाल ने कहा, ‘ज्यादातर स्टार्टअप को मौजूदा समय में कोष जुटाने में समस्या हो रही है, और जो कोष जुटाया भी जा रहा है, वह आकर्षक मूल्यांकन पर नहीं मिल रहा है।’