साल 2024 के पहले पांच महीने (जनवरी-मई) में फंडिंग की कुल मात्रा 3.9 अरब डॉलर के स्तर पर स्थिर रही है। हालांकि फंड जुटाने की दर पिछले साल की तुलना में सपाट रही है, लेकिन अच्छी बात यह है कि इसमें पिछली कुछ तिमाहियों की तरह गिरावट नहीं आई है। इसके साथ ही सौदों की गतिविधियों में काफी गिरावट आई है, जो इस बात का संकेत है कि सौदों को जांचा-परखा जा रहा है।
बाजार पर नजर रखने प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की इसी अवधि के 758 सौदों की तुलना में इस साल सौदों की संख्या 39 प्रतिशत गिरकर 465 रह गई।
माइक्रो वीसी फंड – अर्थ वेंचर फंड के प्रबंध साझेदार अनिरुद्ध ए दामानी कहते हैं, ‘निवेश का मौजूदा परिदृश्य रणनीतिक बदलाव से गुजर रहा है। निवेशक अब उन स्टार्टअप को तरजीह दे रहे हैं जो लगाई गई पूंजी पर प्रतिफल (आरओसीई) देने में सक्षम हैं और जो उनके अपेक्षित आरओआई से अधिक हो जिससे शेयरधारकों और संस्थापकों दोनों के लिए पर्याप्त मूल्य पैदा हो।’
बड़े आकार के सौदे
हालांकि बाजार में सौदे कम हो रहे हैं लेकिन जो हो रहे हैं, वे काफी बड़े हैं। ट्रैक्सन के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि इस साल अभी तक सौदों का औसत मूल्य 40 प्रतिशत बढ़कर 1.01 करोड़ डॉलर हो गया है, जबकि एक साल पहले यह 61 लाख डॉलर था।
फिनटेक पर केंद्रित वीसी फंड 8आई वेंचर्स के संस्थापक साझेदार विक्रम चाचरा कहते हैं, ‘निवेशक बड़ी राशि वाले स्टार्ट अप की ओर आकर्षित हो रहे हैं। हम अपने पोर्टफोलियो में ऐसी श्रेणी के स्टार्ट अप देख रहे हैं जिन्होंने कामकाज बढ़ाया है और लाभ में हैं। जब वे 3.5 करोड़ डॉलर से पांच करोड़ डॉलर (राउंड) के बीच की राशि जुटाने के लिए आते हैं, तो उनको कई पेशकश मिलती हैं।’
निवेशकों का कहना है कि सौदे हासिल करने वाले इन ‘स्टार्ट अप’ में मुख्य रूप से वे कंपनियां शामिल हैं, जिन्होंने अनुशासित और पूंजी के कुशल संचालन के जरिये कामकाज बढ़ाने, लाभ हासिल करने और शेयरधारक मूल्य सृजित करने की क्षमता का प्रदर्शन किया है।