केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने बताया कि भारत के जहाजरानी क्षेत्र में जापान और दक्षिण कोरिया की कंपनियों ने निवेश के लिए रुचि दिखाई है। यह निवेश भारत के नवजात जहाजरानी उद्योग को बढ़ावा देने वाला हो सकता है।
सोनोवाल ने हाल में समुद्री राज्य विकास परिषद (एमएसडीसी) की बैठक के बाद बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए एक साक्षात्कार में बताया, ‘इसके तहत प्रत्यक्ष निवेश, संयुक्त उपक्रम या तकनीक साझेदारी या सहयोग का अन्य स्वरूप हो सकता है। इस तरह की अंतरराष्ट्रीय रुचि भारत के जहाज निर्माण पहल के प्रति संभावित पूंजी निवेश व आकर्षण का प्रमाण है।’
मंत्रालय ने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए तटीय राज्योँ में कई जहाज निर्माण केंद्र स्थापित करने की शुक्रवार को घोषणा की थी। पोत मंत्रालय की हाल की एक प्रस्तुति के अनुसार फिलहाल पानी के जहाज बनाने में दुनिया में भारत का स्थान 20वां है और इसकी वैश्विक बाजार में हिस्सेदारी महज 0.06 फीसदी है।
इसके विपरीत चीन, दक्षिण कोरिया और जापान का 85 फीसदी हिस्सेदारी के साथ वैश्विक बाजार में दबदबा है। मंत्रालय का यह स्पष्ट नजरिया है कि चरणबद्ध ढंग से जहाजरानी के केंद्र विकसित किए जाएं।