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‘SBI ने एयर इंडिया और किंगफिशर एयरलाइंस को नीचे गिराया’…कालरॉक कंसोर्टियम ने SC में कहा

जेकेसी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में आरोप लगाया कि एसबीआई ने एयर इंडिया और किंगफिशर एयरलाइंस को नीचे गिरा दिया।

Last Updated- September 27, 2024 | 11:14 AM IST
SBI

Jet Airways Case: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के नेतृत्व में दिवालिया एयरलाइन जेट एयरवेज के ऋणदाताओं ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सफल बोलीदाता जालान कलरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) बकाया का भुगतान करने के लिए “अनिच्छुक” था और “लिक्विडेशन” का ही एकमात्र विकल्प बचा था।

चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ दिवालिया एयरलाइन के जेकेसी को स्वामित्व ट्रांसफर को बरकरार रखने के एनसीएलएटी के मार्च के आदेश के खिलाफ एसबीआई के नेतृत्व वाली कंसोर्टियम की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एन वेंकटरमन ने कहा, “अब बहुत हो गया है। वे कानून के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते। लिक्विडेशन ही एकमात्र विकल्प बचा है।’

एसबीआई ने अदालत को बताया कि वित्तीय ऋणदाता का कुल स्वीकृत दावा 7800 करोड़ रुपये के करीब है और समाधान योजना में एसआरए (सफल समाधान आवेदक, यानी जेकेसी) द्वारा प्रस्तावित वित्तीय पैकेज 4,783 करोड़ रुपये था, जो पांच वर्षों के दौरान किश्तों में दिया जाना है।

350 करोड़ रुपये की पहली किश्त का भुगतान 21 मार्च, 2022 तक किया जाना आवश्यक था। एनसीएलटी, एनसीएलएटी और एससी द्वारा एसआरए को दिए गए कई एक्सटेंशन और बहिष्करण के बावजूद इस राशि का भुगतान आज तक नहीं किया गया है।

एएसजी ने कहा, “हम 350 करोड़ रुपये की पहली किश्त के लिए संघर्ष कर रहे हैं। समाधान योजना 180 दिनों के लिए प्रभावी है। कॉर्पोरेट देनदार (जेट एयरवेज) को बनाए रखने के लिए ऋणदाताओं को हर महीने 22 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।”

उन्होंने पहले अदालत को यह भी बताया था कि एनसीएलएटी के एसआरए को उसके आदेश के 30 दिनों के भीतर दुबई की संपत्तियों को गिरवी रखकर सुरक्षा बनाने का निर्देश देने के आदेश का भी पालन नहीं किया गया है।

एसबीआई ने एयर इंडिया और किंगफिशर एयरलाइंस को नीचे गिराया-जेकेसी

इस बीच, दिवालिया जेट एयरवेज के सफल बोलीदाता जेकेसी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में आरोप लगाया कि एसबीआई ने एयर इंडिया और किंगफिशर एयरलाइंस को नीचे गिरा दिया।

रोहतगी ने अदालत में आरोप लगाया, “उन्होंने (एसबीआई बैंक) एयर इंडिया, किंगफिशर को नीचे ला दिया है। उन्होंने (एसबीआई) एयरलाइंस के खिलाफ दस अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं। केवल दो एयरलाइंस बची हैं। वे सब कुछ नीचे गिरा देंगे। कोई भी एयरलाइन नहीं रहेगी।’

जेकेसी ने अदालत को बताया कि ऋणदाता हवाई अड्डे के परिसर में अपने ग्राउंडेड विमानों तक पहुंचने के लिए उन्हें “चाभी नहीं देते”। सुप्रीम कोर्ट अब जेकेसी की दलीलें मंगलवार को सुनेगा।

इससे पहले राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने 12 मार्च को जेट एयरवेज का स्वामित्व जेकेसी को ट्रांसफर करने को हरी झंडी दे दी थी।

First Published - September 27, 2024 | 11:00 AM IST

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