एआई-171 विमान दुर्घटना के संबंध में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की जुलाई में जारी शुरुआती जांच रिपोर्ट में संकेत दिया गया था कि एयर इंडिया के परिचालन में ‘कुछ भी गलत नहीं था’ और उसकी मौजूदा कार्यप्रणाली में किसी बदलाव की जरूरत नहीं है। विमानन कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक कैंपबेल विल्सन ने आज यह जानकारी दी।
विल्सन ने कहा, ‘उद्योग में जो कुछ भी होता है, चाहे वह हमारे साथ हो या दूसरों के, वह आत्मनिरीक्षण का कारण होता है। यह कार्यप्रणाली की समीक्षा करने का कारण होता है। अंतरिम रिपोर्ट में संकेत दिया गया था कि विमान के इंजन या कार्यप्रणाली में ऐसा कुछ भी नहीं था जिसे बदलने की जरूरत हो। बेशक हम हमेशा यह देखते हैं कि हम कैसे सुधार करते रहें, कैसे बेहतर होते रहें और कैसे सीखते रहें।’
इस साल 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जाने वाली एयर इंडिया फ्लाइट एआई-171 बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान की थी जो उड़ान भरने के कुछ क्षण बाद एक कॉलेज की इमारत से टकरा गई थी। उसमें सवार 241 लोगों की मौत हो गई और केवल एक व्यक्ति बचा।
विल्सन ने यहां एविएशन इंडिया 2025 समिट में पैनल डिस्कशन के दौरान कहा, ‘उस दुखद दिन के बाद यह भारत में लोगों से हमारा पहला सार्वजनिक संवाद है।’ उन्होंने कहा, ‘पीड़ित लोगों के लिए, प्रभावित परिवारों के लिए, कंपनी के लिए, स्टाफ के लिए यह बहुत ही दुखद था।’
एएआईबी ने 12 जुलाई को एआई-171 दुर्घटना पर अपनी शुरुआती रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें पता चला था कि उड़ान भरने के तुरंत बाद दोनों इंजनों में फ्यूल सप्लाई बंद हो गई थी। दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच जल्दी-जल्दी ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए थे और हालांकि उन्हें लगभग 10 सेकंड बाद फिर से चालू कर दिया गया था। लेकिन इंजन पहले ही बंद हो चुके थे।
रिपोर्ट में कहा गया था कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने स्विच क्यों बंद किए और दूसरे पायलट ने इससे इनकार कर दिया। रिपोर्ट में यह ब्योरा नहीं दिया गया कि किस पायलट ने क्या कहा। एएआईबी ने तकनीकी खराबी से इनकार नहीं किया और कहा कि चल रही जांच में एविएशन मेडिसिन और मनोविज्ञान विशेषज्ञों को शामिल किया गया है।
विल्सन ने कहा, ‘अहमदाबाद में हमारे 600 से ज्यादा लोग ग्राउंड पर मौजूद थे। हमने टाटा संस के जरिए (प्रभावित लोगों की मदद के लिए) ट्रस्ट बनाया है। हमने सभी प्रभावित परिवारों को एक्स-ग्रेशिया दिया है। जाहिर है कि हमने अंतरिम मुआवजा दे दिया है और अब हम अंतिम मुआवजे पर काम कर रहे हैं। एयर इंडिया और टाटा दोनों की प्रतिबद्धता है कि जो लोग प्रभावित हुए हैं, उन्हें राहत के लिए हम हर मुमकिन कोशिश करेंगे, भले ही इसमें कितना भी वक्त लगे।’
विल्सन ने कहा, ‘हम जांचकर्ताओं के साथ भी काम कर रहे हैं। हम सीधे तौर पर जांच में शामिल नहीं हैं। यह सरकार की देखरेख में हो रही है। अंतरिम रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि विमान, इंजन अथवा परिचालन में कोई गड़बड़ी नहीं थी। जाहिर तौर पर दूसरों की ही तरह हम भी अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। अगर उसमें कुछ सीखने के लिए होगा तो हम निश्चित तौर पर वैसा करेंगे। मगर फिलहाल हम यह सुनिश्चित करने पर ध्यान दे रहे हैं कि हम हर संभव तरीके से उनकी मदद करें।’
शुरुआती चरण यानी दुर्घटना के बाद 3 महीनों तक एयर इंडिया ने वाइड बॉडी विमानों के साथ अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में करीब 15 फीसदी की कटौती की थी। विल्सन ने कहा कि ऐसा केवल यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि सामान्य से बेहतर जांच के लिए समय मिल सके। साथ ही इस तथ्य को भी साबित किया जा सके कि पायलट और इंजीनियर अब ज्यादा सतर्क हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने जानबूझकर, स्वेच्छा से एवं नियामकीय सतर्कता के लिहाज से अतिरिक्त जांच की और परिचालन अब धीरे-धीरे सामान्य हो गया है।’