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सफेद कारों की लगातार घट रही बिक्री, गहरे रंग पर फिदा जमाना

वर्ष 2021 में 43.9 फीसदी लोगों ने सफेद रंग की कार खरीदी, लेकिन 2022 में यह आंकड़ा गिरकर 42.2 फीसदी और 2023 में 39 फीसदी पर आया

Last Updated- January 07, 2024 | 8:03 PM IST
car

एक जमाना था जब आला अफसरों या धनकुबेरों को सफेद रंग की कार (White Car) में सवारी करना शान का प्रतीक लगता था मगर बदलते जमाने के साथ अब भारतीयों की पसंद भी बदल रही है। कम से कम पिछले तीन साल में तो यही लगा है कि सफेद कारों के लिए लोगों का आकर्षण कम होता जा रहा है।

जैटो डायनमिक्स के आंकड़े बताते हैं कि 2021 में 43.9 फीसदी लोगों ने सफेद रंग की कार (White Car) खरीदी थी मगर अगले साल यानी 2022 में आंकड़ा गिरकर 42.2 फीसदी रह गया और 2023 में केवल 39 फीसदी कारें सफेद रंग की थीं। अब काले, नीले और सुरमई यानी ग्रे रंग की कारें ज्यादा पसंद की जा रही हैं।

टाटा मोटर्स डिजाइन स्टूडियो के प्रमुख अजय जैन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘कपड़े हों, एक्सेसरीज हों या कार हों, नए जमाने के भारतीय उपभोक्ता अब प्रयोग कर रहे हैं और ज्यादा रंगीन जीवनशैली अपना रहे हैं।’

साल 2021 में बिकने वाली कुल कारों में कुल 14.8 फीसदी काले रंग की थीं मगर 2022 में इस संग की कारों की हिस्सेदारी बढ़कर 15.5 फीसदी हो गई। 2023 में तो भारत भर में बिकी कारों मे 19.5 फीसदी काले रंग की थीं।

जैटो डायनमिक्स इंडिया के अध्यक्ष रवि भाटिया का कहना है कि सफेद रंग हमेशा से खूबसूरत दिखता है, शुद्धता और शांति का प्रतीक है और गर्म इलाकों में गर्मी भी कम महसूस कराता है। साथ ही इस रंग की कारों की रीसेल वैल्यू भी काफी ज्यादा रही है, इसीलिए भारत में हमेशा से इस संग की कारें बहुत पसंद की जाती थीं। मगर पिछले कुछ साल में भारत में कार के रंग के मामले में लोगों की पसंद तेजी से बदली है, जिसकी वजह कारों और उनके खरीदारों का बदलता मिजाज भी हो सकता है। पिछले कुछ साल से हैचबैक और सिडैन के बजाय स्पोर्ट्स यूटीलिटी व्हीकल (एसयूवी) ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं।

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गहरे रंग की छोटी कारें देखने में और भी छोटी लगती हैं, इसलिए पहले उन्हें पसंद नहीं किया जाता था। मगर मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यका​री अ​धिकारी (मार्केटिंग एवं सेल्स) शशांक श्रीवास्तव कहते हैं कि अब वाहनों का डिजाइन पहले के मुकाबले ज्यादा आकर्षक होता है, जिसमें सफेद के बजाय गहरे रंग ज्यादा अनुकूल लगते हैं।

शशांक ने कहा कि आज औसत कार खरीदार की उम्र कम है और उसके पास पैसा अधिक है। साथ ही उसे दुनिया भर के बारे में पता भी है। रंग के मामले में उसकी पसंद पर ये सभी बातें असर डालती हैं। पहले लोग काले रंग को अशुभ मानकर इस रंग की कार नहीं खरीदते थे मगर अब उनकी सोच बदल गई है। अब लोगों को गहरे रंग ज्यादा भाने लगे हैं। उनकी रीसेल वैल्यू भी सफेद कारों की रीसेल वैल्यू के बराबर आ गई है।

शशांक का यह भी कहना है कि पहले कई सदस्यों वाले परिवार में एक ही कार होती थी और सफेद रंग लगभग सभी को पसंद आ जाता था। लेकिन अब एक घर में एक से ज्यादा कार होती हैं, इसलिए दूसरे रंगों की कारें भी खरीदी जाने लगी हैं।

ह्युंडै मोटर इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी तरुण गर्ग कहते हैं कि उनकी कंपनी के ग्राहकों में करीब 27 फीसदी की उम्र 30 साल से कम है, जबकि 2018 में कंपनी के केवल 12 फीसदी ग्राहक इस उम्र के थे। इस उम्र के खरीदार प्रयोग करना पलंद करते हैं और अपने मिजाज के हिसाब से ही रंग खरीदना पसंद करते हैं। शायद यही वजह है कि हाल ही में आई ह्युंडै एक्सटर की कुल बिक्री में 30 फीसदी हिस्सा रेंजर खाकी रंग का था।

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गर्ग ने कहा, ‘इस समय बिकने वाली क्रेटा में 32 फीसदी काले रंग की हैं, जबकि 2018 में केवल 9 फीसदी क्रेटा काले रंग की बिकी थीं। इसी तरह अब 40 फीसदी वेरना एबिस ब्लैक यानी गहरे काले रंग की बिक रही हैं, जबकि 2018 में वेरना की बिक्री में इस रंग की हिस्सेदारी केवल 26 फीसदी थी।’

एक्सटर, क्रेटा और वेन्यू एसयूवी हैं। जैटो डायनमिक्स के अनुसार पिछले तीन साल में सफेद रंग की एसयूवी की बिक्री तेजी से घटी है। 2021 में 45.8 फीसदी ग्राहकों ने सफेद रंग की एसयूवी खरीदी थी मगर 2023 में सफेद रंग की हिस्सेदारी केवल 38.7 फीसदी रह गई।

महिंद्रा ऐंड ​महिंद्रा के चीफ डिजाइन ऐंड क्रिएटिव ऑफिसर प्रताप बोस ने कहा, ‘पिछले तीन साल में सफेद रंग की कारों की लोकप्रियता घटी है और काले, नीले तथा ग्रे रंग की कारें ज्यादा बिकी हैं। इससे पता चलता है कि ग्राहकों का रुझान बदल रहा है।’

उन्हें यह भी लगता है कि निजी कार अब सफर करने का जरिया भर नहीं र गई है बल्कि चाहत और तमन्ना की पहचान भी बन गई है। इसलिए लोग समझने लगे हैं कि सफेद रंग की कार आम तौर पर टैक्सी की तरह इस्तेमाल होती है। बोस ने कहा, ‘इस वजह से भी लोग अपने स्टाइल, शान और व्यक्तित्व से मेल खाते रंगों की कार खरीदने लगे हैं।’

First Published - January 7, 2024 | 8:03 PM IST

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