रॉयल एन्फील्ड ने कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच अपने भविष्य का खाका तैयार किया है। इसे रॉयल एन्फील्ड 2.0 कह सकते हैं या ट्रायम्फ और हार्ली डेविडसन को बाजार में उतारने की प्रतिष्ठित घरेलू ब्रांड की रणनीति कह सकते हैं।
रॉयल एन्फील्ड ने गुरुवार को एक दीर्घकालिक रणनीति का खुलासा किया। इसमें कंपनी पेट्रोल वाली गाड़ियों में कई ब्रांड पेश करेगी साथ ही साल 2025 तक इलेक्ट्रक वाहन बाजार में उतारेगी। कंपनी को उम्मीद है कि इस बाजार का आकार अगले दस वर्षों में दो से तीन गुना तक बढ़ेगा। साथ ही कंपनी विदेश में अपनी उपस्थिति बढ़ाएगी और घरेलू बाजार में भी अग्रणी भूमिका निभाएगी।
नई बुलेट 350 पेश करने से एक दिन पहले कंपनी ने न सिर्फ अपनी रणनीति ‘रॉयल एनफील्ड 3.0’ का खुलासा किया बल्कि प्रतिस्पर्धा से निपटने का भरोसा भी जताया। प्रतिस्पर्धा के बारे में पूछे जाने पर रॉयल इन्फील्ड की मूल कंपनी आयशर मोटर्स के प्रबंध निदेशक सिद्धार्थ लाल ने कहा, ‘मैं (रॉयल एन्फील्ड) महज एक नेता नहीं हूं बल्कि एक नेतृत्वकर्ता हूं।’
आयशर मोटर्स के मुख्य कार्याधिकारी और पूर्वकालिक निदेशक बी गोविंदराजन ने कहा, ‘हम कई नए उत्पाद लेकर आ रहे हैं। मेरा मानना है कि रॉयल एनफील्ड अब आरई 3.0 पर है। हम 122 साल पुरानी स्टार्ट अप मानसिकता वाली कंपनी हैं।’ आयशर मोटर्स ने भी प्रोत्साहन से जुड़ी उत्पादन (पीएलआई) योजना के लिए एक आवेदन जमा किया है। इसमें रॉयल एनफील्ड और वाणिज्यिक वाहन व्यवसाय दोनों के लिए 2,000 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है। यह बदलाव केवल सजावटी नहीं हो सकता है। कंपनी इलेक्ट्रिक वाहन मॉडल के लिए अपने प्रसिद्ध थंप को भी बेहतर बनाने के लिए तैयार है, जो रॉयल एनफील्ड की बाइक को विशिष्ट बनाता है।
लाल ने कहा, ‘ थम्प एक अद्वितीय शांत लय दर्शाता है। हम इसे नकली बनाने के लिए कुछ भी नहीं करना चाहते। प्रामाणिकता काफी जरूरी है।’ स्पीड 400 के साथ ट्रायम्फ के बाद यह लाल की मीडिया के साथ पहली आमने-सामने की बातचीत थी। हार्ले-डेविडसन ने एक्स440 के साथ क्रमशः बजाज ऑटो और हीरो मोटोकॉर्प के सहयोग से भारत के सब-500 सीसी रोडस्टर सेगमेंट में प्रवेश करने के अपने प्रयास शुरू किए।
दिलचस्प बात यह है कि रॉयल एनफील्ड के पास इस सेगमेंट में 90 फीसदी से अधिक बाजार हिस्सेदारी है। कंपनी ने कहा है कि वह 2025 तक अपने पोर्टफोलियो से अपना पहला इलेक्ट्रिक वाहन पेश करने की राह पर है। लाल ने कहा, ‘हम हताश नहीं हैं औऱ हम इस पर काफी मेहनत कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य एक अद्भुत उत्पाद लाना है जो बाजार की गतिशीलता को नया आकार देगा। हम किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं हैं, हमारी योजना 2025 में बाजार में आने की है।’
अपनी इलेक्ट्रिक वाहन के अरमान को पंख देने के लिए कंपनी ने पिछले साल कंपनी में यूरोपीय इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल निर्माता स्टार्क फ्यूचर में निवेश करके साझेदारी की थी। अब कंपनी ने ईवी परिवेश के लिए 11-12 नए आपूर्तिकर्ताओं को भी अपने साथ जोड़ा है। कंपनी का इरादा स्थानीय कलपुर्जों और प्रौद्योगिकियों को शामिल करना है, जहां भारतीय प्रौद्योगिकी अच्छी तरह से विकसित है। कंपनी ने स्वच्छ ऊर्जा महत्त्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए मारियो अल्विसी को अपने इलेक्ट्रिक वाहन व्यवसाय के लिए मुख्य ग्रोथ अधिकारी(सीजीओ) के रूप में भी नियुक्त किया है।