Go First Crisis: NCLT ने एयरलाइन कंपनी Go First की दिवालिए होने के मामले को लेकर अपना फैसला सुना दिया है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने कंपनी को राहत देते हुए उसकी याचिका को स्वीकार करते हुए कंपनी के मैनेजमेंट और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को भी सस्पेंड कर दिया है। इस राहत के बाद अब एयरलाइन को अपने आप को दोबारा रिवाइव करने का मौका मिल सकेगा।
बता दें कि बीते हफ्ते NCLT ने गो फर्स्ट की याचिका पर सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। गो फर्स्ट ने अपना वित्तीय संकट गहराने के बाद एनसीएलटी के पास स्वैच्छिक दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने की अर्जी लगाई थी।
इसके अलावा एनसीएलटी ने गो फर्स्ट के परिचालन के लिये अभिलाष लाल को इंटरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (interim resolution professional) यानी IRP नियुक्त किया है।
एयरलाइन के कर्मचारियों को राहत
NCLT ने समाधान पेशेवर से गो फर्स्ट को अपना काम तथा वित्तीय बाध्यताओं को पूरा करते रहने देने के साथ किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं करने के लिए भी कहा है।
गो फर्स्ट की 19 मई तक सभी फ्लाइट सस्पेंड
एयरलाइन ने सबसे पहले अपनी फ्लाइट 3, 4 और 5 मई के लिए कैंसिल की थी। इसके बाद फ्लाइट सस्पेंशन को बढ़ाकर 9 मई तक किया। फिर 12 मई कर दिया गया। अब इसे 19 मई तक सस्पेंड कर दिया गया है। उसके पास फ्यूल भराने का भी पैसा नहीं है। गो फर्स्ट की वेबसाइट के अनुसार एयरलाइन एक समय रोजाना 27 डोमेस्टिक और 8 इंटरनेशनल डेस्टिनेशन के लिए 200 से ज्यादा फ्लाइट ऑपरेट करती थी।
क्या है मामला ?
वाडिया समूह की गो फर्स्ट एयरलाइन ने विमान इंजन की आपूर्ति संबंधी समस्याओं का हवाला देते हुए कहा था कि फाइनेंशियल क्राइसिस होने की वजह से कंपनी फ्लाइट का ऑपरेशन चालू रखने में समर्थ नहीं है। गो फर्स्ट ने अपना वित्तीय संकट गहराने के बाद एनसीएलटी के पास स्वैच्छिक दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने की अर्जी लगाई थी।
NCLT का निर्णय ऐतिहासिक : CEO
गो फर्स्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी कौशिक खोना ने बुधवार को कहा कि एनसीएलटी का एयरलाइन की स्वैछिक दिवाला कार्यवाही याचिका स्वीकार करने का निर्णय ‘ऐतिहासिक फैसला है।’
उन्होंने कहा कि यह कंपनी को पटरी पर लाने के लिये समय पर आया प्रभावी निर्णय है। एनसीएलटी ने कर्ज में फंसी कंपनी को चलाने के लिये अभिलाष लाल को अंतरिम पेशेवर नियुक्त किया।
(पीटीआई के इनपुट के साथ)