Reliance Retail: भारतीय अरबपति मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल वेंचर्स शेयर बाजार की संभावित सूचीबद्धता से पहले सितंबर के आखिर तक लगभग 2.5 अरब डॉलर जुटाने के लिए वैश्विक निवेशकों के साथ बातचीत कर रही है। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने रॉयटर्स को यह जानकारी दी।
तीन सूत्रों ने कहा कि 2.5 अरब डॉलर की रकम जुटाने की यह योजना संयुक्त रूप से 3.5 अरब डॉलर के उस लक्ष्य का हिस्सा है, जो फर्म ने अपने लिए निर्धारित किया है। इसका एक अरब डॉलर का एक हिस्सा कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (क्यूआईए) से मिला है और इसकी घोषणा पिछले महीने की गई थी।
ईमेल पर दिए गए एक बयान में रिलायंस ने कहा कि बतौर नीति हम मीडिया की अटकलों और अफवाहों पर टिप्पणी नहीं करते हैं। हालांकि इसमें कहा गया है कि हमारी कंपनी निरंतर आधार पर विभिन्न अवसरों का आकलन करती है।
रिलायंस ने पिछले महीने कहा था कि उसने भारत के सबसे बड़े खुदरा विक्रेता के लिए 100 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर क्यूआईए से एक अरब डॉलर जुटाए हैं, जिसका परिचालन किराना बिक्री से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक फैला हुआ है तथा इसमें बरबेरी और प्रेट ए मंगर जैसे ब्रांडों के साथ विदेशी साझेदारी भी शामिल है।
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इस संबंध में प्रत्यक्ष रूप से जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने कहा कि इस कवायद में मॉर्गन स्टेनली रिलायंस को सलाह दे रही है। मॉर्गन स्टेनली ने टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया। इन तीनों सूत्रों ने संभावित निवेशकों के नाम बताने से इनकार कर दिया। लेकिन एक सूत्र ने कहा कि रिलायंस अमेरिका के कम से कम दो निवेशकों के साथ बातचीत कर रही है, जबकि अन्य दो सूत्रों ने कहा कि रिलायंस के मौजूदा विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ रही है, जिसमें कुछ सॉरिन वेल्थ फंड भी शामिल हैं।
अगर यह कवायद परवान चढ़ती है, तो यह निवेश पश्चिम के उन निजी निवेशकों के सामने भारत की स्थिति को असाधारण आशावान स्थान के रूप में प्रोत्साहित करेगा, जो चीन के बिगड़ते आर्थिक नजरिये और भू-राजनीतिक तनाव के कारण उसमें नए निवेश से कतरा रहे हैं।
वर्ष 2020 में रिलायंस रिटेल ने केकेआर, सऊदी पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड, जनरल अटलांटिक और संयुक्त अरब अमीरात के मुबाडाला जैसे निवेशकों को 10.09 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 5.71 अरब डॉलर जुटाए थे।
अंबानी ने इस सप्ताह कहा है कि 2020 में रकम जुटाने से कारोबार का मूल्य तकरीबन 52 अरब डॉलर हो गया है, और तीन साल से भी कम समय में खुदरा कारोबार का मूल्यांकन लगभग दोगुना हो चुका है।
मामले की सीधी जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि दो सप्ताह के भीतर रिलायंस द्वारा रकम जुटाने की दो घोषणाएं किए जाने की संभावना है और कंपनी का मूल्यांकन उसी स्तर के आसपास होगा, जिस पर क्यूआईए ने निवेश किया था यानी तकरीबन 100 अरब डॉलर। इसका मतलब यह है कि संभावित 2.5 अरब डॉलर का निवेश कंपनी में 2.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी के बराबर होगा।