भारत में 5जी पेशकश पर रिलायंस जियो (Reliance Jio) का दबदबा बना हुआ है। देश में 19 जून तक कुल 2.52 लाख 5G आधारित बेस ट्रांसीवर स्टेशन (BTS) में से करीब 79 प्रतिशत (2 लाख से ज्यादा) योगदान रिलायंस जियो का है।
इस घटनाक्रम से अवगत सूत्रों का कहना है कि रिलायंस जियो ने 5.5-6 करोड़ 5जी ग्राहकों का आंकड़ा पार कर लिया है और पूरे देश में 6,000 से ज्यादा शहरों, कस्बों और तालुकों में अपना नेटवर्क बढ़ाया है।
उसकी प्रतिस्पर्धी भारती एयरटेल (Airtel) 5जी सेगमेंट में अन्य दूसरी एकमात्र प्रमुख कंपनी है, जो फिलहाल जियो के 5जी बीटीएस टावरों की सिर्फ एक-चौथाई संख्या के साथ पीछे है। सूत्रों के अनुसार, एयरटेल के 5जी ग्राहकों की संख्या 3.5-4 करोड़ है और देश के 3,500 से ज्यादा कस्बों और गांवों में उसका 5जी नेटवर्क उपलब्ध है।
जियो की 5G उपलब्धता एयरटेल के मुकाबले 3 गुना ज्यादा
रिलायंस जियो और एयरटेल ने इस बारे में पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया है। दोनों प्रतिस्पर्धियों के बीच अंतर को दोहराते हुए गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि जियो की 5जी उपलब्धता (ओपन सिग्नल पर आधारित) उसकी प्रतिस्पर्धी एयरटेल के मुकाबले 3गुना थी।
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि एयरटेल के बीटीएस की संख्या कम इसलिए है, क्योंकि यह नॉन-स्टैंडएलॉन 5जी नेटवर्क पर संचालित है, जिसमें वह अपने मौजूदा 4जी कोर का लाभ उठा सकती है। दूसरी तरफ, जियो के पास स्टैंडएलॉन 5जी का ज्यादा उन्नत नेटवर्क है। इसलिए उसे ज्यादा बीटीएस की जरूरत है।
सूत्रों का कहना है कि जहां एयरटेल के पास दो एंटीना वाले एक टावर पर औसत एक बीटीएस (3,500 मेगाहर्ट्ज पर) है, जिसे वे अपने 5जी कवरेज के लिए पर्याप्त मानती है, वहीं जियो के पास एक टावर में दो बीटीएस (3,500 मेगाहर्ट्ज और 700 मेगाहर्ट्ज पर) हैं और सभी में तीन-तीन एंटीना हैं।
5जी टावरों को लगाए जाने की गति चीन के समान
अच्छी खबर यह है कि 5जी बीटीएस टावरों की कुल संख्या का पहले से ही देश में ऐसे टावरों की संख्या में एक-तिहाई योगदान है। इन टावरों को लगाए जाने की गति चीन के समान है। गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि टावरों को पेश करने की दर हर सप्ताह 600,000 बीटीएस है, जो अब चीन में सालाना इंस्टॉलेशन के समान है।
एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक तौर पर 5जी के लिए कुल ग्राहक आधार 2023 में 1.5 अरब पर पहुंच जाने का अनुमान है। हालांकि जहां वैश्विक आबादी की 5जी पैठ 35 प्रतिशत पर पहुंची है, वहीं चीन को अलग रख कर बात की जाए तो यह सिर्फ 10 प्रतिशत है। भारत मौजूदा समय में 5जी ग्राहक आधार के संदर्भ में चीन और अमेरिका से पीछे है।
चीन में 27.3 लाख 5जी बेस स्टेशन हैं और उसने 1.3 अरब ग्राहकों का आंकड़ा पार कर लिया है, जो किसी अन्य देश से ज्यादा है। एरिक्सन का मानना है कि अमेरिका 2023 में 25 करोड़ 5जी ग्राहक लक्ष्य पूरे कर सकता है और वर्ष 2028 तक यह आंकड़ा 80 करोड़ हो जाएगा।