मौसम विभाग द्वारा भीषण गर्मी एवं लू की चेतावनी जारी किए जाने और देश के कुछ हिस्सों में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचने के साथ ही रियल एस्टेट परियोजनाओं के तहत निर्माण की रफ्तार सुस्त पड़ने लगी है। श्रमिकों की किल्लत और उत्पादकता की रफ्तार धीमी हो जाने ने के कारण डेवलपरों को परियोजनाएं पूरी होने में देरी की आशंका सताने लगी है।
एनारॉक ग्रुप के वाइस चेयरमैन संतोष कुमार ने कहा, ‘भीषण गर्मी के कारण निर्माण में न केवल श्रमिकों की किल्लत हो गई है बल्कि उत्पादकता में भी कमी आई है। इससे निर्माण सामग्री को भी नुकसान पहुंच सकता है। भीषण गर्मी के दिनों में अक्सर निर्माण क्षेत्र में श्रमिकों की कमी हो जाती है। कुछ क्षेत्रों में श्रमिकों की 20 से 50 फीसदी तक कमी हो जाती है।’
दिल्ली एनसीआर की कंपनी यूनिनव डेवलपर्स के निदेशक अनूप गर्ग ने कहा कि भीषण गर्मी में लंबे समय तक काम करने में दिहाड़ी मजदूरों के लिए जोखिम होता है। इसलिए अक्सर परियोजना स्थल को जल्द बंद करना पड़ता है। इससे पूरी परियोजना की रफ्तार प्रभावित होती है।
रियल एस्टेट डेवलपर और निर्माण कंपनियां इन चुनौतियों से निपटने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करने के बारे में विचार कर रही हैं। इसमें परियोजना स्थल पर आवास प्रदान करना, अत्यधिक तापमान में काम करने के लिए प्रशिक्षण देना और बेहतर वेतन के साथ-साथ अन्य लाभ देना भी शामिल हैं। भीषण गर्मी से निपटने के लिए डेवलपर श्रमिकों के लिए छायादार विश्राम स्थल तैयार करने के अलावा शर्बत आदि पेय पदार्थों की व्यवस्था भी कर रहे हैं। गर्मी संबंधी जोखिम से निपटने के लिए प्राथमिक चिकित्सा सहायता भी उपलब्ध करा रहे हैं।
व्हाइटलैंड कॉरपोरेशन के निदेशक (रणनीति) सुदीप भट्ट ने कहा कि वह दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक भीषण गर्मी से बचाने के लिए काम की समय-सारणी में भी बदलाव कर रहे हैं। इसके अलावा छायादार विश्राम स्थलों पर आराम करने के लिए ब्रेक की अवधि भी बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा, ‘हम बंद कार्यस्थलों के हवादार बने रहने की उचित व्यवस्था कर रहे हैं और श्रमिकों को गर्मीरोधी गियर और कूलिंग तौलिये उपलब्ध करा रहे हैं।’
हीरो रियल्टी के मुख्य कार्याधिकारी रोहित किशोर ने कहा कि श्रमिकों और परियोजना स्थल पर काम करने वाले अन्य कर्मचारियों को लू लगने के लक्षणों को पहचानने और उससे निपटने के उपायों के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है।
उद्योग प्रीफैब्रिकेशन जैसी निर्माण प्रौद्योगिकी को भी अपना रहा है जो अत्यधिक श्रम की जरूरतों को कम करते हुए दक्षता में सुधार करती है। कुछ डेवलपरों ने परियोजना स्थलों पर कुशल श्रमिकों पर निर्भरता को कम करने के लिए प्रीकास्ट निर्माण सामग्रियों के अलावा एल्युमीनियम फॉर्मवर्क और 3डी प्रिंटिंग सहित आधुनिक निर्माण तकनीकों का उपयोग करना भी शुरू कर दिया है।
नैशनल एसोसिएशन ऑफ रियल्टर्स (एनएआर इंडिया) के अध्यक्ष अमित चोपड़ा ने कहा कि फील्ड टीम, ब्रोकरों और एजेंटों को भीषण गर्मी के के दौरान परियोजना स्थल का दौरा करने से बचने और ग्राहकों को वर्चुअल तरीके से परियोजना दिखाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।