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फिनो पेमेंट बैंक को RBI से एसएफबी मंजूरी, तकनीक और सतर्कता पर रहेगा फोकस

फिनो पेमेंट बैंक RBI की मंजूरी के बाद लघु वित्त बैंक में बदल रहा है और भविष्य में ऋण विस्तार में सतर्क और तकनीक आधारित रणनीति अपनाएगा।

Last Updated- December 08, 2025 | 7:32 AM IST
Rishi Gupta, managing director and chief executive officer, Fino Payments Bank
Rishi Gupta, managing director and chief executive officer, Fino Payments Bank.

भारतीय रिजर्व बैंक ने बीते सप्ताह फिनो पेमेंट बैंक को सैद्धांतिक रूप से लघु वित्त बैंक (एसएफबी) में परिवर्तित होने की अनुमति दे दी। फिनो पेमेंट्स बैंक के एमडी व सीईओ ऋषि गुप्ता ने अजिंक्य कावले और सुब्रत पांडा को एसएफबी में परिवर्तित करने के बारे में बैंक के फोकस क्षेत्रों, ऋण व जमा फ्रैंचाइजी बढ़ाने की योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस हासिल करने की महत्त्वाकांक्षा के बारे में भी जानकारी दी। प्रमुख हिस्से :

रिजर्व बैंक को मंजूरी मिलने में दो साल का समय लगा था। क्या आपको केंद्रीय बैंक से कोई स्पष्टता मिली थी कि मंजूरी मिल जाएगी?

हमें भविष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए न कि पहले क्या था। हमने दो साल पहले आवेदन किया था। हम भारतीय रिजर्व बैंक के आभारी हैं कि हमें अंतत: स्वीकृति दी।

कर्मचारियों और प्रबंधन का मूड क्या है?

मूड ऐसा है जैसा भारत ने विश्व कप जीता – ऐसी खुशी का माहौल है। हम पेमेंट बैंक के रूप में बेहतर काम कर रहे थे। मुझे लगता है कि यह मॉडल शुद्ध पेमेंट बैंक से अधिक का मॉडल उपलब्ध कराता है। अब हमारे और हमारे कर्मचारियों के लिए जो अवसर खुले हैं, वे हमें भविष्य के लिए उत्साहित कर रहे हैं। मुझे लगता है कि बेहद संभावनाएं और अवसर हैं। हम निश्चित रूप से मौजूदा एसएफबी की सोचा का पालन नहीं करना चाहते हैं। हमारा फोकस यह है कि हम इस मॉडल में कैसे अंतर ला सकते हैं।

ज्यादातर एसएफबी ने एमएफआई में बदलाव किया है। लेकिन आप एक अलग तरह से मॉडल में बदलाव करेंगे। क्या आपका दृष्टिकोण होगा?

ऐसे में मूलसिद्धांत यह है – हम कहां से आ रहे हैं और अन्य एसएफबी कहां से आ रहे हैं – इसमें बेहद अंतर है। वे ज्यादातर माइक्रोफाइनैंस संस्थान हैं। हम पेमेंट बैंक हैं। हम डिजिटल रूप से उन्नत और तकनीक संचालित नेटवर्क वाले पेमेंट बैंक हैं। हम स्वाभाविक रूप से प्रति तिमाही 400 से 450 करोड़ रुपये के बीच की बहुत अधिक लेन देन आय से शुरुआत करते हैं। दूसरी बात, ज्यादातर एसएफबी की शाखा लागत अधिक होती है—एक निश्चित-परिसंपत्ति प्रकार का मॉडल। हमारे मामले में बात की जाए तो देश भर में हर गली-मोहल्ले में हमारे व्यापारियों का बड़ा वितरण है। इसलिए न केवल वितरण के संदर्भ में बल्कि व्यापारियों और ग्राहकों से संबंधित हमारे पास मौजूद डेटा भी हमारे एसएफबी मॉडल के निर्माण के लिए अच्छी शुरुआत है। हम पहले तकनीक के बारे में सोचते हैं और फिर उसके इर्द-गिर्द व्यवसाय बनाते हैं। हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आज उपलब्ध हर उपकरण के साथ अपनी प्रक्रियाओं, संचालन, असाइनमेंट और अन्य सभी चीजों में यथासंभव अधिक से अधिक तकनीक को एकीकृत करने का प्रयास करेंगे।किसी भी बैंक के सबसे महत्त्वपूर्ण हिस्सों में से एक देनदारी है। हमने बहुत ही उच्च देनदारी के साथ बेहद कम लागत पर शुरुआत की है। यह करीब 2 प्रतिशत है – राशि करीब 2,500-3,000 करोड़ रुपये है और यही कासा है।  हमारा यह इंजन एसएफबी व्यवसाय में आगे बढ़ने के साथ भी काम करता रहेगा। हम दीर्घकालिक दृष्टिकोण से अपनी देनदारी की लागत पर लगभग 300-400, या 350-400 आधार अंकों के लाभ की उम्मीद करते हैं। मुझे लगता है कि अंतिम अंतर हमारा संपूर्ण साझेदारी पारिस्थितिकी तंत्र है। शुरुआत से ही हमने साझेदारी व्यवसाय को अपने इर्द-गिर्द ही बनाया है। कई वर्षों से ग्राहकों और उपभोक्ताओं के साथ हमारे बी2बी2सी संबंध हमें बहुत ही मजबूत आधार के साथ व्यवसाय शुरू करने में मदद करेंगे।

आप अपना ऋण व्यवसाय कैसे विकसित करना चाहते हैं?

हम जो ऋण देना चाहते हैं, उसमें हम बहुत सावधानी बरतना चाहते हैं। हम कुछ भौगोलिक क्षेत्रों और कुछ सीओसी पर ध्यान केंद्रित करेंगे। हम देश के हर हिस्से में ऋण नहीं खोलेंगे। अभी हमारी यही योजना है। जमा राशि के मामले में, हम विकास और निर्माण जारी रखेंगे। हम देयता-प्रधान बैंक हैं। देयता, तकनीक और वितरण हमारी मुख्य ताकत हैं। हम इसके आधार पर ऋण देना जारी रखेंगे।

क्या हम उम्मीद कर रहे हैं कि ऋण तुरंत बहुत तेजी से बढ़ेगा?

हम ऐसा नहीं करेंगे। हम सही निर्णय लेंगे और उसके अनुसार निर्माण करेंगे। हम कोई भी काम जल्दबाजी में नहीं करेंगे। यह एक सतर्क दृष्टिकोण होगा।

First Published - December 8, 2025 | 7:32 AM IST

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