मणिपाल एजुकेशन ऐंड मेडिकल ग्रुप के चेयरमैन रंजन पई ने एडटेक फर्म बैजूस की इकाई आकाश एजुकेशनल सर्विसेज (एईएसएल) में 16.8 करोड़ डॉलर (1,400 करोड़ रुपये) का निवेश किया है।
नकदी की किल्लत से जूझ रही बैजूस को इस रकम से अमेरिकी निवेश फर्म डेविडसन केम्पनर कैपिटल मैनेजमेंट से मई में लिया गया कर्ज चुकाने में मदद मिलेगी। मामले के जानकार सूत्रों के मुताबिक बैजूस यह कर्ज तकनीकी तौर पर नहीं चुका पाई थी।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने पहले खबर दी थी कि पई बैजूस में इक्विटी एवं ऋण के जरिये करीब 35 करोड़ डॉलर निवेश के लिए बात कर रहे हैं। घटनाक्रम से अवगत एक व्यक्ति ने कहा, ‘रंजन पई के पारिवारिक कार्यालय ने आकाश में डेविडसन केम्पनर के कर्ज का अधिग्रहण किया है। वह प्रमुख शेयरधारक बैजूस और उसके संस्थापक बैजू रवींद्रन के साथ मिलकर इस ट्यूटोरियल चेन का कायाकल्प करने की कोशिश कर रहे हैं।’
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सूत्रों के अनुसार बैजूस डेविडसन केम्पनर को करीब 1,400 करोड़ रुपये चुका रही है। इनमें करीब 800 करोड़ रुपये कर्ज है और बाकी 600 करोड़ रुपये ब्याज है।
उद्योग के जानकारों का कहना है कि मणिपाल ग्रुप के पई ने डेविडसन केम्पनर को द्विपक्षीय ऋण लेनदेन में भुगतान किया है।
पई की एक कंपनी ने एनएसई कॉरपोरेट बॉन्ड रिपोर्टिंग ऐंड इंटिग्रेटेड क्लियरिंग सिस्टम (सीबीआरआईसीएस) प्लेटफॉर्म पर डेविडसन केम्पनर के सभी एनसीडी (गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर) खरीदे हैं। बैजूस ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
मई 2023 में बैजूस ने डेविडसन केम्पनर से 2,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए समझौता किया था। मगर ऋण समझौते के कथित उल्लंघन के बाद कंपनी को सिर्फ करीब 800 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। पैसा लौटाने के लिए बातचीत जून के अंत तक चली। बैजूस और डेविडसन केम्पनर ने तब अपना विवाद निपटाने के लिए मध्यस्थता शुरू की।
विश्लेषकों का कहना है कि डेविडसन केम्पनर के साथ ऋण विवाद आकाश के लिए बड़ा कॉरपोरेट रोड़ा था और इसका समाधान एवं पई का प्रवेश बैजूस की प्रवर्तक थिंक ऐंड लर्न के लिए बड़ी सफलता है। उनका कहना है कि इससे फर्म का व्यावसायिक पुनर्गठन आसान बनाने में मदद मिलेगी।
पई ने मणिपाल हेल्थ एंटरप्राइजेज में अपनी बड़ी हिस्सेदारी हाल ही में सिंगापुर के वेल्थ फंड टेमासेक को बेची है।