वेदांत (Vedanta Group) द्वारा हिंदुस्तान जिंक में अपनी लगभग पूरी हिस्सेदारी गिरवी रखने के एक दिन बाद वेदांत समूह के एक ऋणदाता ने कहा कि ससमूह के प्रवर्तक उसके साथ समझौते के अनुसार वेदांत लिमिटेड में अपनी 68.1 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री नहीं कर सकते हैं। शेयर बाजार को दी गई सूचना में आज यह खुलासा किया गया।
एक सूचना में ऋणदाता ओसीएम वर्दे एक्सआई इन्वेस्टमेंट ने कहा कि वर्ष 2020/21 में वेदांत समूह की प्रवर्तक कंपनियों – वेदांत होल्डिंग्स मॉरीशस, फिनसाइडर इंटरनैशनल कंपनी, वेदांत रिसोर्सेज, वेस्टग्लोब के साथ समझौते के अनुसार वेदांत, एफआईसीएल और वेस्टग्लोब के जारी किए गए सभी शेयरों पर ओसीएम के पक्ष में शुल्क की व्यवस्था की गई थी।
इससे वेदांत के प्रवर्तकों पर वेदांत लिमिटेड में उनके पास रखे हुए या उनके द्वारा अधिग्रहित किए जाने वाले किसी भी शेयर को बेचने, स्थानांतरित करने या अन्य रूप बिक्री करने के संबंध में कुछ प्रतिबंध तय किए गए थे।
23 मई को रिलीज डीड पर हस्ताक्षर करने के बाद एफआईसीएल के जारी किए गए सभी शेयरों पर तय किया गया शुल्क ओसीएम के पक्ष में जारी कर दिया गया है।
ओकट्री की कंपनी ओसीएम वर्दे ने कहा कि हालांकि वेदांत और वेस्टग्लोब के जारी किए गए शेयरों पर शुल्क के साथ-साथ किसी भी प्रतिभूति सृजन के संबंध में प्रवर्तकों पर प्रतिबंध या वेदांत में उनके किसी भी शेयर को बेचने, पट्टे पर देने, स्थानांतरित करने या अन्य रूप से बिक्री करने पर प्रतिबंध लागू रहेगा। वेदांत रिसोर्सेज और अन्य प्रवर्तक कंपनियों की बीएसई पर सूचीबद्ध वेदांत लिमिटेड में 68.1 प्रतिशत हिस्सेदारी है।