प्रमुख स्टील विनिर्माता – टाटा स्टील और जेएसडब्ल्यू स्टील ने घरेलू बाजार में क्षमता वृद्धि की बदौलत वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में पिछले साल की तुलना में बेहतर उत्पादन दर्ज किया। वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही के दौरान टाटा स्टील इंडिया ने 56 लाख टन की आपूर्ति की जो वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही के 54.2 करोड़ टन की तुलना में 3.3 प्रतिशत अधिक रही। भारतीय आपूर्ति में तिमाही आधार पर 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई और टाटा स्टील ने कहा कि ‘अब तक के सबसे अच्छे’ वॉल्यूम को घरेलू आपूर्ति में तिमाही आधार पर लगभग नौ प्रतिशत की अधिक वृद्धि से सहायता मिली है।
वित्त वर्ष 25 में टाटा स्टील इंडिया की आपूर्ति उत्पादन के अनुरूप बढ़ी और वित्त वर्ष 24 में दर्ज पिछले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पार कर गई। टाटा स्टील ने कहा कि भारत में स्टील की मांग में वृद्धि का लाभ उठाते हुए घरेलू आपूर्ति पिछले साल की तुलना में 4.4 प्रतिशत बढ़कर 1.97 करोड़ टन हो गई। टाटा स्टील इंडिया का वित्त वर्ष 25 का कच्चा इस्पात उत्पादन पिछले साल की तुलना में पांच प्रतिशत बढ़कर करीब 2.18 लाख टन हो गया। कलिंगनगर में ब्लास्ट फर्नेस के चालू होने तथा नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल) में अधिक इस्पात उत्पादन के कारण ऐसा हुआ।
वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के दौरान जेएसडब्ल्यू स्टील का समेकित कच्चा इस्पात उत्पादन 76.3 लाख टन रहा जो अब तक का सबसे अधिक है। इसमें पिछले साल के मुकाबले 12 प्रतिशत और पिछली तिमाही के मुकाबले नौ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इस इजाफे में भारतीय परिचालन आगे रहा जिसने 74 लाख टन का कच्चा इस्पात उत्पादन दर्ज किया और यह पिछली तिमाही की तुलना में नौ प्रतिशत और पिछले साल की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक रहा।
शेयर बाजार को दी गई सूचना में जेएसडब्ल्यू स्टील ने कहा कि जेएसडब्ल्यू विजयनगर मेटालिक्स लिमिटेड (जेवीएमएल) में उत्पादन बढ़ोतरी 50 लाख टन प्रति वर्ष करने का काम बेहतर ढंग से चल रहा है। एक बार पूरी तरह से तैयार हो जाने के बाद विजयनगर में कच्चे इस्पात की कुल क्षमता बढ़कर 1.75 करोड़ टन प्रति वर्ष हो जाएगी। इससे जेएसडब्ल्यू स्टील के समूचे भारतीय परिचालन में कच्चे इस्पात की क्षमता बढ़कर 3.42 करोड़ टन प्रति वर्ष पहुंच जाएगी। वित्त वर्ष 2025 में जेएसडब्ल्यू स्टील की संयुक्त उत्पादन की मात्रा 2.779 करोड़ टन थी,जो इससे पिछले साल की तुलना में 4 प्रतिशत अधिक रही। भारतीय परिचालन उत्पादन 6 प्रतिशत बढ़कर 2.698 करोड़ टन रहा।