विदेशी निवेशकों को आमंत्रित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत हरित ऊर्जा में वृद्धि को लेकर प्रतिबद्ध है, लेकिन देश को परंपरागत तेल व गैस क्षेत्र में बड़े निवेश की जरूरत होगी।
इंडिया एनर्जी वीक के पहले संस्करण में बोलते हुए मोदी ने निवेशकों को यह भी आश्वासन दिया कि सरकार घरेलू तेल उत्पादन और और रिफाइनिंग को तेजी से बढ़ाने पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार भारत में कच्चे तेल की रिफाइनिंग की क्षमता मौजूदा 250 एमएमटीपीए (मिलियन मीट्रिक टन प्रति साल) से बढ़ाकर 450 एमएमटीपीए करने पर काम कर रही है।
तेल शोधन क्षमता में भारत का इस समय विश्व में चौथा स्थान है, लेकिन पिछले कुछ साल से मांग ने आपूर्ति को पीछे छोड़ दिया है। मोदी ने यह भी कहा कि सरकार ने घरेलू अन्वेषण और उत्पादन के लिए 10 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र खोला है, जिसे अब तक दुर्गम माना जाता था। प्रधानमंत्री मोदी ने घरेलू व अंतरराष्ट्रीय निवेशकों और उद्योग व कॉर्पोरेट के अग्रणी लोगों से कहा कि दोनों कदमों का मकसद भारत के तेल व गैस क्षेत्र में ज्यादा निवेश की सुविधा प्रदान करना है, क्योंकि मांग में वृद्धि के कारण इन क्षेत्रों में तेजी की भरपूर संभावना है।
तेल की वैश्विक मांग में भारत की हिस्सेदारी 5 प्रतिशत है, जो बढ़कर 11 प्रतिशत पहुंचने की संभावना है। वहीं भारत में गैस की मांग 500 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है। 2022 में टर्मिनल रीगैसीफिकेशन की क्षमता दोगुनी बढ़कर 21 एमएमटीपीए हो गई है, जबकि इसे और बढ़ाने की कवायद जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि देश में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन की मात्रा 9 गुना बढ़ी है और सीएनजी स्टेशनों की संख्या 2014 के 900 से बढ़कर अब 5000 हो गई है। गैस पाइपलाइन नेटवर्क 2014 के 14,000 किलोमीटर से बढ़कर अब 22,000 किलोमीटर हो गया है। उम्मीद है कि यह अगले 4-5 साल में 35,000 किलोमीटर हो जाएगा।
ई-20 की शुरुआत
प्रधानमंत्री ने आधिकारिक रूप से ई-20 ईंधन पेश किया। ई-20 उस पेट्रोल को नाम दिया गया है, जिसमें 20 प्रतिशत एथनॉल मिला हुआ होता है। यह शुरुआत में 15 शहरों में उपलब्ध होगा। अगले 2 साल में देश भर में इसका विस्तार किया जाएगा।
इस कदम से सरकार का हर साल 50,000 करोड़ रुपये आयात बिल कम होगा, क्योंकि इससे कच्चे तेल का आयात घटेगा। इस योजना के लागू होने से 2025 तक कुल पेट्रोल आपूर्ति में एथनॉल मिश्रण बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य हासिल करने को बल मिलेगा। भारत 2040 तक विश्व में एथनॉल की कुल मांग में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी पर काम कर रहा है। भारत में 2012-13 में पेट्रोल में 1.53 प्रतिशत एथनॉल मिलाया जाता था, जो अब 2022 में बढ़कर 10.17 प्रतिशत हो गया है। 2025 तक 20 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य हासिल करने के लिए 10.2 से 11 अरब लीटर एथनॉल की आवश्यकता होगी।
उद्योग जगत के सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि इसके लिए देश में 14.4 अरब लीटर उत्पादन क्षमता की जरूरत होगी, क्योंकि कुछ उत्पादन का इस्तेमाल स्टार्च और रसायन उद्योग में होता है।
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि यूक्रेन युद्ध के कारण पारंपरिक हाइड्रोकार्बन हासिल करने के लिए संघर्ष हुआ, लेकिन भारत हरित बदलाव की प्रतिबद्धता पर कायम है।
इंडिया एनर्जी वीक 2023 में पुरी ने कहा कि वैश्विक हलचलों से इतर हम लक्ष्य पर नजर बनाए हुए हैं। हरित बदलाव ध्यान के केंद्र में है और हम इस दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा चुनौतियों के बावजूद केंद्र सरकार हरित ऊर्जा क्षेत्र में नीतिगत स्थिरता और नवोन्मेष पर जोर दे रही है। रूस के कच्चे तेल की खरीद बढ़ाने की ओर इशारा करते हुए पुरी ने कहा कि विभिन्न संकटों के बीच आप कुछ कदम पीछे खींच सकते हैं, लेकिन आगे बढ़ने पर निश्चित रूप से जोर रहेगा। उन्होंने कहा, ‘भारत में हर दिन 6 करोड़ लोग पेट्रोल पंप पर जाते हैं। हमें सस्ती ऊर्जा की ठीक ठाक मात्रा में जरूरत है। हमें अपने लोगों को उसे उपलब्ध कराना है।