पीडब्ल्यूसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मजबूत होते बाजार की बदौलत भारत में अब फैमिली ऑफिस की संख्या 300 से ज्यादा हो गई है। वर्ष 2018 में यह आंकड़ा महज 45 था। यह संख्या तेजी से बढ़ने की संभावना है क्योंकि प्रवर्तक मझोले और छोटे शहरों में ज्यादा व्यवसाय स्थापित कर रहे हैं। फैमिली बिजनेस विनिर्माण, रिटेल, रियल एस्टेट, हेल्थकेयर और वित्त समेत भारत की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देते हैं।
इन उद्यमों में बड़े व्यावसायिक घराने और छोटी कंपनियां दोनों शामिल होते हैं और देश के जीडीपी में इनका संयुक्त रूप से 60 से 70 प्रतिशत योगदान है। एएसके प्राइवेट वेल्थ के मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रबंध निदेशक राजेश सलूजा ने कहा, ‘1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की वित्तीय संपति तैयार करने वाले किसी भी व्यक्ति के अपना खुद का फैमिली ऑफिस शुरू किए जाने की ज्यादा संभावना रहती है।’ वह एएसके प्राइवेट वेल्थ हुरून इंडिया, फ्यूचर यूनिकॉर्न इंडेक्स, 2024 के शुभारंभ के अवसर पर बोल रहे थे।
कई बड़े परिवार अब अपने परिवार की संपत्ति को अपने व्यवसाय की संपत्ति से अलग कर रहे हैं और अपने प्राथमिक व्यवसाय के बाहर निवेश पूल बना रहे हैं ताकि दूसरे उद्यमों में निवेश कर सकें। यह रुझान पिछले कुछ दशकों में सामने आए वैश्विक व्यवहार को दर्शाता है।
पहले परिवार अक्सर रियल एस्टेट में निवेश करते थे जिससे फैमिली ऑफिस की जरूरत नहीं थी और अक्सर फिक्स्ड डिपॉजिट पर निर्भर रहते थे। अब निवेश रणनीतियों में बदलाव आया है। कई परिवार किराया आय के साथ साथ घरेलू और वैश्विक स्तर पर दोनों में इक्विटी बाजार में संभावना तलाश रहे हैं।
सलूजा ने कहा, ‘यदि आप उद्यम पूंजी (वीसी) या निजी इक्विटी पर विचार करें तो पता चलता है कि संस्थागत निवेश में नरमी आई है। लेकिन इसकी जगह अब बहुत से फैमिली ऑफिस और अल्ट्रा हाई नेटवर्थ व्यक्तियों (अति अमीर लोगों) ने ले ली है, जो या तो सीधे या विभिन्न फंडों के माध्यम से इनमें शामिल हो रहे हैं।’ यह रुझान बढ़ ही रहा है।
यह ट्रेंड सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है। दुनिया भर में फैमिली ऑफिस के साथ काम करने वाली कंसल्टेंसी एग्रियस के संस्थापक तैयब मोहम्मद और पॉल वेस्टॉल के अनुसार अमीर परिवारों की परिसंपत्ति आवंटन रणनीतियां वैश्विक स्तर पर एक जैसी होती हैं।
मोहम्मद ने कहा, ‘यूरोप और अमेरिका के रुझानों की तरह ही निजी इक्विटी और निजी ऋण के आवंटन में इजाफा हुआ है। फैमिली ऑफिस तेजी से स्टार्टअप और उद्यम पूंजी में प्रवेश कर रहे हैं। हालांकि वे आमतौर पर निवेश करने से पहले कुछ प्रगति देखना पसंद करते हैं। पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट के अनुसार फिनटेक भारतीय फैमिली ऑफिस के बीच एक प्रमुख आकर्षण है जिसने 2023 में कुल 85.36 करोड़ डॉलर का धन जुटाया।