कार कंपनी निसान (Nissan) और रेनो (Renault) की तरफ से जल्द ही नई साझेदारी को लेकर एक बड़ा ऐलान होने वाला है। दोनों कंपनियां एक डील को अंतिम रूप देने वाली हैं। इस मामले के जानकार लोगों का कहना है कि इस डील को पूरे होने में करीब 10 महीने लगे और कभी-कभी तनावपूर्ण बातचीत का भी सामना करना पड़ा, जो अब खत्म होने के कगार पर है।
मामले के जानकार दो लोगों ने कहा कि निसान, रेनो की इलेक्ट्रिक वाहन यूनिट, एम्पीयर (Ampere) में अपने रणनीतिक निवेश के लिए फरवरी में घोषित 15 प्रतिशत अधिकतम लक्ष्य से भी कम में अब सौदा करना चाह रही है। उनमें से एक ने कहा, इसकी हिस्सेदारी का साइज अभी भी एम्पीयर की वैल्यू पर निर्भर करता है, लेकिन ऐसी संभावना है कि निसान की नई यूनिट में 10 प्रतिशत से कम की हिस्सेदारी रहेगी।
वाहन निर्माताओं ने फरवरी में एक फ्रेमवर्क एग्रीमेंट का ऐलान किया था और मार्च की शुरुआत में डील को अंतिम रूप देने का लक्ष्य रखा था। फ्रेमवर्क के तहत, जापानी ऑटोमेकर (निसान) एम्पीयर की 15 प्रतिशत हिस्सेदारी ले लेगा और रेनो निसान में अपनी 43 प्रतिशत हिस्सेदारी कम कर देगा।
रॉयटर्स ने बताया है कि जब निसान के सीनियर अधिकारियों और कुछ डायरेक्टर्स ने सौदे के डिटेल्ड प्रोविजन और निसान की इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी के लाभों और सुरक्षा को चुनौती दी, तो वह समय सीमा समाप्त हो गई।
मामले से परिचित तीन लोगों ने कहा कि आने वाले दिनों में बड़े ऐलान की उम्मीद है। जानकारी सार्वजनिक नहीं होने के कारण सभी लोगों ने अपनी पहचान बताने से इनकार कर दिया।
जापानी वाहन निर्माता ने एक बयान में कहा, ‘निसान और रेनो के बीच बातचीत चल रही है। जब समझौते पूरे हो जाएंगे तो हम उचित समय पर एक बयान देंगे।’
रेनो ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। फ्रांसीसी वाहन निर्माता ने पहले कहा था कि उसे उम्मीद है कि 2024 की पहली छमाही में Ampere की लिस्टिंग प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के लिए हो जाएगी।
निसान का बोर्ड इस दावे की जांच कर रहा है कि रेनो के साथ नई साझेदारी की कुछ शर्तों पर अश्विनी गुप्ता के विरोध के कारण मुख्य कार्याधिकारी (CEO) मकोतो उचिदा ने अपने तत्कालीन डिप्टी अश्विनी गुप्ता पर निगरानी रखी ताकि उन्हें कंपनी से हटाया जा सके।
गुप्ता ने जून के अंत में निसान छोड़ दी जबकि वे उस समय कंपनी में मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) थे और उन्हें निसान के CEO बनने के उम्मीदवार के रूप में देखा जाता था।
निसान के बोर्ड ने जून में निगरानी के दावे की जांच के प्रारंभिक नतीजे सुने, जब स्वतंत्र निदेशकों को बताया गया कि निसान ने गुप्ता की निगरानी के लिए उनके घर के बाहर एक कैमरा लगाया था। यह जानकारी उस प्रेजेंटेशन में शामिल लोगों ने रॉयटर्स को दी।