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दवाओं पर कारोबार मार्जिन को वाजिब बनाने पर 16 मई को बैठक

Last Updated- May 09, 2023 | 11:33 PM IST
Empagliflozin

केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों और दवा उद्योग के बीच 16 मई को दिन भर चलने वाली प्रस्तावित बैठक में दवाओं पर कारोबार मार्जिन को तर्कसंगत बनाने (ट्रेड मार्जिन रेशनलाइजेशन) सहित दवा के मूल्य निर्धारण जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा होने की संभावना है।

उद्योग जगत के सूत्रों ने कहा कि अगले सप्ताह होने वाली इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया और औषधि विभाग के अधिकारी भाग लेंगे। बैठक में राष्ट्रीय दवा मूल्य प्राधिकरण (एनपीपीए), स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी भी भाग लेंगे। इस बैठक में कई उद्योग संगठनों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे।

सूत्रों ने कहा कि चर्चा में टीएमआर एक बड़ा मुद्दा होगा। सूत्र ने कहा, ‘टीएमआर के अलावा अगले बैचों में सीलिंग प्राइस में बदलाव पर भी चर्चा होगी। सीलिंग प्राइस का निर्धारण करने समय एक ही कंपनी की एक दवा के कई ब्रांड होने पर एक ब्रांड के मूल्य पर विचार करने पर भी बैठक में चर्चा हो सकती है।‘

केंद्र सरकार पिछले कुछ समय से बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने वाली दवाओं पर कारोबार मार्जिन को तार्किक बनाने पर विचार कर रही है। इसका मकसद इन दवाओं की कीमतों में कमी लाना है।

इस पूरे मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि टीएमआर चरणबद्ध तरीके से लागू होगा और पहले चरण में 100 रुपये या इससे अधिक मूल्य की दवाएं शामिल की जा सकती हैं। सूत्र ने कहा, ‘दवाओं के मूल्य पर फिलहाल कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। अगले सप्ताह होने वाली प्रस्तावित बैठक में इस विषय पर चर्चा होने की संभावना है।‘

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दवा बनाने वाली कंपनियां जिस मूल्य पर थोक विक्रेताओं को दवाओं की बिक्री करती हैं उसे कारोबार मार्जिन कहा जाती है। थोक विक्रेता दवाएं फिर स्टॉकिस्टों और खुदरा विक्रेताओं (रिटेलर) को बेचते हैं और उसके बाद उपभोक्ता अधिकतम खुदरा मूल्य का भुगतान करते हैं।

सूत्रों ने दावा किया कि सरकार ट्रेड मार्जिन 33-50 प्रतिशत के बीच तय कर सकती है। इस बीच, कारोबारी इकाइयों ने सरकार एवं एनपीपी से एनएलईएम दवाओं पर मौजूदा कारोबार मार्जिन में संशोधन पर विचार करने के लिए कहा है।

First Published - May 9, 2023 | 11:33 PM IST

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