मारुति सुजूकी इंडिया (एमएसआईएल) कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) के उत्पादन पर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के साथ चर्चा करेगी। सीबीजी का इस्तेमाल सीएनजी से चलने वाले वाहनों में किया जा सकेगा। मारुति की प्रमुख शेयरधारक सुजूकी मोटर कॉरपोरेशन (एसएमसी) ने यह जानकारी दी है।
देश में सीएनजी वाहनों के लिए मांग तेजी से बढ़ रही है। मारुति सुजूकी ने वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 145,000 सीएनजी वाहन बेचे, जो एक साल पहले के मुकाबले 28.3 प्रतिशत की वृद्धि है। इसके विपरीत कंपनी इसकी तुलना 2023-24 की पहली तिमाही में 427,000 वाहन बिक्री से की जा सकती है, जो सालाना आधार पर महज 1.2 प्रतिशत तक बढ़ी।
हालांकि देश में सीबीजी के पारंपरिक तौर पर उत्पादन को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें फीडस्टॉक की व्यवस्था करना, उसे दूर दूर तक पहुंचाना तथा खास समय-सीमा के भीतर ऑर्गेनिक खाद का उत्पादन करना शामिल है।
ये चुनौतियां दूर करने के लिए, एसएमसी ने 2022 में गाय के गोबर के उत्पन्न बायोगैस से मीथेन को परिष्कृत कर सीबीजी का उत्पादन करने की परियोजना शुरू करने के लिए नैशनल डेरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) और बनास डेरी के साथ समझौता किया था।
इस परियोजना के तहत 2025 में गुजरात के बनासकंठा में चार बायोगैस उत्पादन संयंत्र से परिचालन शुरू किए जाने की योजना है। इस पर 2,300 करोड़ रुपये का कुल निवेश होगा।
मौजूदा समय में भारत में वाहनों में सीबीजी का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। पिछले कुछ वर्षों में, मारुति ने सीबीजी से चलने वाली ब्रेजा और वैगनआर को प्रमुख ऑटो इवेंट में पेश किया है।