JSW Steel ने वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में शानदार प्रदर्शन करते हुए 2,184 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। यह पिछले साल की समान तिमाही के 845 करोड़ रुपये के मुनाफे की तुलना में 158 फीसदी ज्यादा है। कंपनी की ओर से फाइल एक रिपोर्ट के मुताबिक, खर्चों में कटौती और बिक्री में बढ़ोतरी से यह उछाल देखने को मिला।
कंपनी की कुल आय में मामूली बढ़ोतरी हुई और यह 43,107 करोड़ रुपये से बढ़कर 43,497 करोड़ रुपये हो गई। वहीं, खर्चों को कंपनी ने 41,715 करोड़ रुपये से घटाकर 40,325 करोड़ रुपये कर लिया, जिसने मुनाफे को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई। JSW Steel ने इस तिमाही में 7.26 मिलियन टन क्रूड स्टील का उत्पादन किया, जो पिछले साल की तुलना में 14 फीसदी ज्यादा है। हालांकि, भारतीय संयंत्रों में क्षमता उपयोग 87 फीसदी रहा, जो पिछली तिमाही के 93 फीसदी से कम है। कंपनी ने बताया कि नियोजित रखरखाव के कारण यह कमी आई।
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JSW Steel की स्टील बिक्री इस तिमाही में 6.69 मिलियन टन रही, जो पिछले साल की तुलना में 9 फीसदी ज्यादा है। घरेलू बिक्री 12 फीसदी बढ़कर 5.96 मिलियन टन हो गई। संस्थागत और रिटेल बिक्री में भी 12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। हालांकि, निर्यात में 20 फीसदी की कमी आई और यह कुल बिक्री का सिर्फ 7 फीसदी रहा। कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू 43,147 करोड़ रुपये रहा, जबकि ऑपरेटिंग EBITDA 7,576 करोड़ रुपये रहा, जिसका मार्जिन 17.6 फीसदी रहा। कम कोकिंग कोल लागत और ज्यादा बिक्री की वजह से EBITDA में 37 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
भारतीय परिचालन में कंपनी ने 7.02 मिलियन टन क्रूड स्टील का उत्पादन किया, जो 15 फीसदी ज्यादा है। भारतीय संयंत्रों की बिक्री 6.43 मिलियन टन रही, जिसमें 9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। भारतीय परिचालन का राजस्व 40,510 करोड़ रुपये रहा, जबकि EBITDA 7,496 करोड़ रुपये रहा, जो 38 फीसदी ज्यादा है। भारतीय परिचालन का मुनाफा 2,517 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल से 118 फीसदी ज्यादा है।
कंपनी का शुद्ध कर्ज 30 जून, 2025 तक 79,850 करोड़ रुपये था, जो मार्च 2025 के मुकाबले 3,287 करोड़ रुपये ज्यादा है। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से वर्किंग कैपिटल में निवेश के कारण हुई।
इसके अलावा, JSW Steel ने भूषण स्टील एंड पावर लिमिटेड (BPSL) से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट में 25 जून, 2025 को रिव्यू पिटीशन दाखिल की है। कंपनी ने 2019 में BPSL को 20,000 करोड़ रुपये में खरीदा था। सुप्रीम कोर्ट ने 2 मई, 2025 को कंपनी के रिजॉल्यूशन प्लान को अवैध करार दिया था। कंपनी का कहना है कि उनके पास मजबूत आधार हैं और वे इस मामले को आगे बढ़ाएंगे।