facebookmetapixel
दक्षिण भारत के लोग ज्यादा ऋण के बोझ तले दबे; आंध्र, तेलंगाना लोन देनदारी में सबसे ऊपर, दिल्ली नीचेएनबीएफसी, फिनटेक के सूक्ष्म ऋण पर नियामक की नजर, कर्ज का बोझ काबू मेंHUL Q2FY26 Result: मुनाफा 3.6% बढ़कर ₹2,685 करोड़ पर पहुंचा, बिक्री में जीएसटी बदलाव का अल्पकालिक असरअमेरिका ने रूस की तेल कंपनियों पर लगाए नए प्रतिबंध, निजी रिफाइनरी होंगी प्रभावित!सोशल मीडिया कंपनियों के लिए बढ़ेगी अनुपालन लागत! AI जनरेटेड कंटेंट के लिए लेबलिंग और डिस्क्लेमर जरूरीभारत में स्वास्थ्य संबंधी पर्यटन तेजी से बढ़ा, होटलों के वेलनेस रूम किराये में 15 फीसदी तक बढ़ोतरीBigBasket ने दीवाली में इलेक्ट्रॉनिक्स और उपहारों की बिक्री में 500% उछाल दर्ज कर बनाया नया रिकॉर्डTVS ने नॉर्टन सुपरबाइक के डिजाइन की पहली झलक दिखाई, जारी किया स्केचसमृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाला मिथिलांचल बदहाल: उद्योग धंधे धीरे-धीरे हो गए बंद, कोई नया निवेश आया नहींकेंद्रीय औषधि नियामक ने शुरू की डिजिटल निगरानी प्रणाली, कफ सिरप में DEGs की आपूर्ति पर कड़ी नजर

SEBI का नया प्रस्ताव: म्युचुअल फंड फोलियो खोलने और पहली बार निवेश के लिए KYC वेरिफिकेशन जरूरी

केवाईसी अनुपालन न करने वाले फोलियो के मामलों में अक्सर लेनदेन रुक जाते हैं, भुगतान में देरी होती है और डिविडेंड अनक्लेम्ड रह जाते हैं

Last Updated- October 23, 2025 | 6:14 PM IST
SEBI

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने म्युचुअल फंड फोलियो (mutual fund folios) खोलने और पहली बार निवेश करने की प्रक्रिया को मानकीकृत (standardised) बनाने का प्रस्ताव रखा है। इस कदम का मकसद निवेशकों और एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) दोनों के सामने आने वाली “अपने ग्राहक को जानें” (KYC) अनुपालन और लेनदेन संबंधी बाधाओं को दूर करना है।

निवेश से पहले KYC वेरिफिकेशन जरूरी

प्रस्ताव के अनुसार, नए बनाए गए म्युचुअल फंड फोलियो में पहली बार निवेश केवल तभी किया जा सकेगा जब KYC रजिस्ट्रेशन एजेंसी (KRA) द्वारा KYC वेरिफिकेशन पूरा हो जाए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि लेन-देन शुरू होने से पहले निवेशक के रिकॉर्ड पूरी तरह से अनुपालन में हों।

Also Read: NFO Alert: Kotak MF ने उतारा नया निफ्टी केमिकल्स ईटीएफ, ₹5,000 से निवेश शुरू; किसे लगाना चाहिए पैसा?

AMCs को इंटरनल सिस्टम अपग्रेड करना होगा

AMCs को अपने इंटरनल सिस्टम और वर्कफ्लो को नई प्रक्रिया के अनुरूप अपडेट करना होगा। निवेशकों को KYC प्रक्रिया के हर चरण पर ईमेल और मोबाइल अलर्ट भी भेजे जाएंगे, जिससे प्रक्रिया और पारदर्शी और निवेशक-अनुकूल बनेगी।

KYC न होने पर रुक जाते हैं लेनदेन

केवाईसी अनुपालन न करने वाले फोलियो के मामलों में अक्सर लेनदेन रुक जाते हैं, भुगतान में देरी होती है और डिविडेंड अनक्लेम्ड रह जाते हैं। ऐसे मामलों ने इस प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता को बढ़ा दिया है।

प्रस्तावित नियमों में यह अनिवार्य किया गया है कि AMCs पूरी तरह से KYC जांच के बाद ही फोलियो बनाएं, अंतिम वेरिफिकेशन के लिए KRA को दस्तावेज भेजें, और KRA की मंजूरी के बाद ही पहले निवेश की अनुमति दें। इससे निवेशकों में भ्रम और परिचालन संबंधी देरी को रोकने में मदद मिलेगी।

ड्राफ्ट प्रक्रिया पर सार्वजनिक टिप्पणियां 14 नवंबर तक आमंत्रित की गई हैं।

First Published - October 23, 2025 | 6:06 PM IST

संबंधित पोस्ट