गन्ना पेराई सत्र की शुरुआत होने में महज एक सप्ताह का समय बचा है। चीनी मिलें गन्ना सत्र की तैयारी में लगी है। वहीं किसान संगठन उचित गन्ना मूल्य की मांग को लेकर आंदोलन की हुंकार भर रहे हैं। दूसरी तरफ पड़ोसी राज्य कर्नाटक में निर्धारित समय से पहले पेराई शुरू होने से सीमावर्ती जिलों से गन्ना लगातार कर्नाटक की मिलों में जा रहा है। जो महाराष्ट्र के मिल मालिकों के लिए परेशानी का सबब बन गया हैं।
खरीफ सीजन में बोई गई गन्ने की कटाई शुरू हो चुकी है। महाराष्ट्र में गन्ना पेराई सत्र एक नवंबर से शुरू होने वाला है। चीनी निदेशालय ने चेतावनी दी है कि आदेश का उल्लंघन करने वाली मिलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि पड़ोसी राज्य कर्नाटक में समय से पहले ही पेराई सत्र शुरू हो गया है। कर्नाटक में निर्धारित समय से पहले पेराई शुरू होने के कारण महाराष्ट्र के सीमावर्ती जिलों कोल्हापुर, सांगली, सोलापुर, धाराशिव और लातूर जिले के किसान अपनी फसल कर्नाटक के बेलगावी, विजयपुरा और बीदर क्षेत्रों में मिलों को भेज रहे हैं। जिससे महाराष्ट्र के मिल मालिक काफी परेशान हैं। कोल्हापुर के किसानों का कहना है कि कर्नाटक में गन्ना मिलें हमारी फसल ले रही हैं, इसलिए यहां के किसान इंतजार नहीं करना चाहते और अपनी उपज खोने का जोखिम नहीं उठाना चाहते है।
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एक तरफ महाराष्ट्र के किसान कर्नाटक की मिलों में अपनी उपज पहुंचा रहे हैं तो दूसरी तरफ मजदूर संगठनों की चेतावनी पेराई शुरू करने में अड़चन पैदा कर सकती है। मजदूर संघ के मुताबिक, हर तीन साल में मजदूरी को लेकर समझौता होता हैं। 4 जनवरी, 2024 को चीनी संघ के अध्यक्ष वरिष्ठ नेता शरद पवार और गन्ना कटाई मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच समझौता हुआ और 34 फीसदी मूल्य वृद्धि की गई। कहा गया कि यह मूल्य वृद्धि 1 नवंबर, 2023 से लागू होगी। हालांकि, चीनी मिलों ने अगले साल (2024) के सीजन से वृद्धि कर दी।
गन्ना कटाई मजदूरों संघ का दावा है कि 1 नवंबर, 2023 से अंतर का भुगतान करना आवश्यक था, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया। महाराष्ट्र राज्य गन्ना कटाई परिवहन मुकादम श्रमिक संघ के अध्यक्ष गहिनीनाथ थोरे-पाटिल ने कहा, हमने सरकार और चीनी संघ को समझौते के अनुसार गन्ना कटाई करने वालों के वेतन में अंतर और पद्मश्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल गन्ना कटाई बीमा योजना को तत्काल शुरू करने के संबंध में पत्र लिखा है। हमारा कहना है कि गरीब मजदूरों के अटके हुए पैसे दिए जाए और बीमा योजना शुरू की जाए। अगर अनदेखी की गई तो हम हड़ताल पर चले जाएंगे।
महाराष्ट्र में गन्ना पेराई सत्र एक नवंबर 2025 से शुरू होगा। पिछले साल गन्ना पेराई की शुरुआत 15 नवंबर से की गई थी। महाराष्ट्र कृषि विभाग ने पेराई सत्र 2025-26 में 80.96 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया है जिसमें से लगभग 20 लाख मीट्रिक टन चीनी इथेनॉल उत्पादन में जाएगी। सरकार को उम्मीद है कि इस साल गन्ना पेराई सत्र 100 से 110 दिनों तक चलेगा जबकि पिछले साल गन्ना पेराई अवधि 85 दिन थी। चीनी आयुक्त दीपक तावरे ने कहा कि पिछले वर्ष राज्य में 200 चीनी मिलों ने गन्ना पेराई की थी। जबकि इस वर्ष 211 चीनी मिलों ने गन्ना पेराई लाइसेंस के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं।
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इस वर्ष पेराई होने वाले गन्ने के लिए बेसिक उतारा 10.25 फीसदी को ध्यान में रखते हुए प्रति मीट्रिक टन 3,550 रुपये वाजिब लाभ दर (FRP) दी जाएगी। किसानों को 31,301 करोड़ रुपये की एफआरपी अदा की गई है। राज्य ने 99.06 फीसदी एफआरपी का भुगतान किया है, जिसमें 148 मिलों ने 100 फीसदी एफआरपी अदा की है। को-जनरेशन परियोजनाओं में वर्ष 2024-25 में कारखानों द्वारा निर्यात की गई बिजली 298 करोड़ यूनिट्स रही, जिससे कारखानों को 1,979 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। कारखानों को एथेनॉल बिक्री से 6,378 करोड़ रुपये की आय हुई है।