विषाक्त डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) से दूषित कफ सिरप से कम से कम 24 बच्चों की मौत के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) सक्रिय हुआ है। उसने अधिक जोखिम वाले सॉल्वैंट की आपूर्ति और गुणवत्ता की निगरानी के लिए नई प्रणाली की घोषणा की है।
नियामक ने दवा निर्माण में इस्तेमाल सॉल्वैंट की आपूर्ति श्रृंखला और गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए ओएनडीएलएस पोर्टल पर डिजिटल निगरानी प्रणाली शुरू की है। यह कदम कफ सिरप, विशेष रूप से बच्चों के इलाज में उपयोग वाली सिरप में डीईजी के संक्रमण की हालिया खबरों के बाद उठाया गया है। इसकी वजह दवा सुरक्षा के संबंध में बढ़ती चिंताएं हैं।
इसके तहत सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के औषधि नियंत्रकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि प्रोपिलीन ग्लाइकॉल, ग्लिसरीन, माल्टिटोल, सॉर्बिटोल, पॉलीएथिलीन ग्लाइकॉल जैसे फार्मास्युटिकल-ग्रेड वाले सॉल्वैंट के विनिर्माता ओएनडीएलएस पोर्टल के जरिये विनिर्माण लाइसेंस प्राप्त करें। मौजूदा लाइसेंस रखने वाले विनिर्माताओं को पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा और बैच-लेवल का विवरण देना होगा, विश्लेषण प्रमाणपत्र (सीओए) तथा विक्रेता की जानकारी देनी होगी।
यह पोर्टल नियामकों को अधिक जोखिम वाले सॉल्वैंट के उत्पादन, बिक्री तथा वितरण की तत्काल निगरानी में सक्षम करेगा। राज्यों से इन उपायों को सख्ती से लागू करने को कहा गया है, जिसमें विनिर्माण से पहले सॉल्वैंट की जांच, निरीक्षण के दौरान अनुपालन की निगरानी और विनिर्माताओं को उत्पादन की सुरक्षित कार्यप्रणाली के बारे में जागरूक करना शामिल है। सीडीएससीओ ने पोर्टल का उपयोग करने में किसी भी कठिनाई के लिए तकनीकी सहायता संपर्क भी दिए हैं।