पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने एक ड्राफ्ट कंसल्टेशन पेपर जारी किया है, जिसमें भारत के पेंशन सिस्टम में पारदर्शिता और लंबे समय तक स्थिरता लाने के लिए अहम सुधारों का प्रस्ताव है। न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, PFRDA ने इन प्रस्तावों पर 30 नवंबर, 2025 तक हितधारकों से राय मांगी है।
PFRDA के अनुसार, प्रस्तावित ढांचा नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और अटल पेंशन योजना (APY) जैसे स्कीम्स में पेंशन की राशि को और पारदर्शी बनाने के साथ-साथ वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए बनाया गया है।
ड्राफ्ट का शीर्षक है, ‘सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करने वाले लॉन्ग-ओनली फंड्स के मुख्य उद्देश्यों के साथ वैल्यूएशन गाइडलाइंस का तालमेल और नेट एसेट वैल्यू (NAV) की गणना’। इसका मकसद पेंशन फंड के निवेशों की वैल्यूएशन और रिपोर्टिंग को आधुनिक बनाना है।
इसके प्रमुख प्रस्तावों में से एक है पेंशन स्कीम्स के तहत लंबी समय की सरकारी सिक्योरिटीज के लिए डबल वैल्यूएशन सिस्टम शुरू करना, जिसमें अक्रूअल-बेस्ड और फेयर मार्केट-बेस्ड वैल्यूएशन को मिलाया जाएगा।
इस कदम का उद्देश्य है:
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, संपत्तियों की वैल्यूएशन को पेंशन निवेश की लंबी अवधि की प्रकृति के साथ जोड़कर, PFRDA का लक्ष्य निवेशकों का भरोसा बढ़ाना और पेंशन बचत को बुनियादी ढांचे और पूंजी निर्माण परियोजनाओं की ओर ले जाना है।
PFRDA ने NPS सब्सक्राइबर्स, पेंशन फंड मैनेजर्स, नीति विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और आम जनता सहित कई हितधारकों से टिप्पणियां और सुझाव मांगे हैं। 30 नवंबर तक PFRDA को फीडबैक भेजा जा सकता है, जिसके बाद इन सुझावों की समीक्षा करके ढांचे को अंतिम रूप दिया जाएगा।
PTI के अनुसार, प्रस्तावित सुधार PFRDA के उन निरंतर प्रयासों को दर्शाता है, जिसका मकसद गवर्नेंस को बेहतर करना, सब्सक्राइबर्स के हितों की रक्षा करना और भारत के पेंशन सिस्टम को मजबूत और भविष्य के लिए तैयार रखना है।