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SEBI ने फर्स्ट ओवरसीज कैपिटल पर लगाया 2 साल का बैन, ₹20 लाख का जुर्माना भी ठोका

इस निवेश बैंक को दो साल तक किसी भी नए IPO, एरेंजमेंट या कॉर्पोरेट एडवाइजरी कार्य के लिए मैंडेट लेने से भी प्रतिबंधित कर दिया गया है

Last Updated- October 23, 2025 | 7:05 PM IST
SEBI

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने गुरुवार को निवेश बैंकिंग कंपनी फर्स्ट ओवरसीज कैपिटल (First Overseas Capital) पर शेयर बाजार में कारोबार करने से दो साल के लिए रोक लगा दी और कथित उल्लंघन के लिए 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इसके अलावा, इस निवेश बैंक को दो साल तक किसी भी नए IPO, एरेंजमेंट या कॉर्पोरेट एडवाइजरी कार्य के लिए मैंडेट लेने से भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।

सेबी को दी झूठी और भ्रामक जानकारी

बाजार नियामक ने आरोप लगाया है कि इस निवेश बैंक के कुल अंडरराइटिंग दायित्व (underwriting obligations) कई बार 20 गुना की निर्दिष्ट सीमा से ज्यादा थे और उसने अपने अंडरराइटिंग दायित्वों को पूरा करने के लिए सार्वजनिक जमा स्वीकार किया।

Also Read: SEBI का नया प्रस्ताव: म्युचुअल फंड फोलियो खोलने और पहली बार निवेश के लिए KYC वेरिफिकेशन जरूरी

इसके अलावा, इस पर सेबी को झूठी और भ्रामक जानकारी देने का भी आरोप है और कहा गया है कि इसने प्रतिभूति बाजार के अलावा अन्य व्यवसायों में भी शामिल होने का काम किया। आदेश में यह भी उल्लेख है कि इसने उन कंपनियों के सिक्योरिटीज के अधिग्रहण की जानकारी सेबी को नहीं दी, जिनके इश्यूज का प्रबंधन उसने किया था, पर्याप्त नेट वर्थ बनाए रखने में लापरवाही की, अर्धवार्षिक रिपोर्ट जमा नहीं की, और इसके अलावा कई अन्य उल्लंघनों में शामिल रही।

कंपनी की नीयत अच्छी नहीं

अंतिम आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि फर्स्ट ओवरसीज कैपिटल ने अपने द्वारा प्रबंधित IPOs, कंप्लायंस ऑफिसर के विवरण के संबंध में गलत जानकारी दी और रियल एस्टेट/प्रॉपर्टी डेवलपमेंट व्यवसाय में भी शामिल रही।

सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अमरजीत सिंह ने आदेश में कहा कि किसी पंजीकृत संस्था द्वारा बार-बार इस तरह के कृत्य “सद्भावना” से प्रेरित नहीं हैं और “दुर्भावना से भरे हैं।”

अक्टूबर 2024 में जारी एक अंतरिम आदेश में सेबी ने इस मर्चेंट बैंक को किसी भी नए इश्यू मैनेजमेंट मैंडेट लेने या मैनेजर के रूप में कार्य करने से रोक दिया था।

First Published - October 23, 2025 | 6:59 PM IST

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