जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों ने शुक्रवार को कहा कि प्रमुख भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और इन्फोसिस (Infosys) की अमेरिकी प्रांतों के क्षेत्रीय बैंकों में ज्यादा पूंजी जमा है। अमेरिका में बैंक मौजूदा समय में वित्तीय अनिश्चितता से जूझ रहे हैं।
जेपी मॉर्गन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिकी प्रांतों के क्षेत्रीय बैंकों का उनके राजस्व में 2-3 प्रतिशत योगदान है। वहीं हाल में बंद हुए सिलिकन वैली बैंक (SVB) में जमा पूंजी TCS, इन्फोसिस और छोटी प्रतिस्पर्धी एलटीआईमाइंडट्री के लिए 10-20 आधार अंक हो सकती है।
जेपी मॉर्गन ने कहा है कि सभी तीनों कंपनियों को SVB में अपने पूंजीगत जोखिम की वजह से चौथी तिमाही में प्रावधान तय करने की जरूरत हो सकती है। इस क्षेत्र पर ‘अंडरवेट’ रेटिंग देने वाली जेपी मॉर्गन ने कहा है, ‘SVB, सिग्नेचर बैंक के बंद होने और पूरे अमेरिका तथा यूरोपीय संघ में तरलता को लेकर पैदा हुई चिंताओं से अल्पावधि के दौरान बैंकों द्वारा आईटी खर्च में नरमी आ सकती है।’
भारत के आईटी उद्योग को यूरोप और अमेरिका के कई प्रमुख बाजारों में चुनौतीपूर्ण वृहद आर्थिक परिवेश का पहले से ही सामना करना पड़ रहा है और अब दीर्घावधि सौदों पर निर्णय लेने की प्रक्रिया में विलंब के बीच आईटी खर्च पर दबाव बढ़ रहा है।
जेपी मॉर्गन ने कहा है कि बैंकिंग संकट से सौदों के पूरा होने में विलंब हो सकता है, अगली दो तिमाहियों में परियोजनाओं से राजस्व प्रभावित हो सकता है, और नए ऑर्डर पूरे होने में समय लग सकता है, जिससे राजस्व प्रभावित होगा।
भारतीय आईटी कंपनियां अपने राजस्व का बड़ा हिस्सा बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (बीएफएसआई) क्षेत्र से प्राप्त करती हैं। इस सप्ताह एलटीआईमाइंडट्री ने कहा कि एसवीबी समेत अमेरिका के क्षेत्रीय बैंकों में उसका बेहद कम पैसा है।