निकल की उपलब्धता लंबे समय तक सुनिश्चित करने के लिए भारत की सबसे बड़ी स्टील विनिर्माण कंपनी जिंदल स्टेनलेस ने न्यू येकिंग पीटीई संग करार किया है। यह कंपनी सिंगापुर की इटरनल शिंगसन का हिस्सा है। यह करार इंडोनेशिया में निकल पिग आयरन स्मेल्टर संयंत्र लगाने के लिए हुआ है।
करार के तहत जिंदल स्टेनलेस और न्यू येकिंग पीटीई, निकल पिग आयरन स्मेल्टर संयंत्र के विकास, निर्माण व परिचालन के लिए संयुक्त उद्यम बनाएंगे। इसमें जिंदल 1,200-1,300 करोड़ रुपये निवेश करेगी, जिसके जरिये उसे संयुक्त उद्यम में 49 फीसदी हिस्सेदारी मिलेगी जबकि बाकी न्यू येकिंग के पास रहेगी।
वैश्विक स्तर पर निकल का भंडार पाने के लिए यह किसी भारतीय कंपनी की पहली रणनीतिक साझेदारी है क्योंकि निकल अयस्क की भारत में कमी है। कंपनी ने यह जानकारी दी। यह परियोजना हल्माहेरा द्वीप, इंडोनेशिया के इंडस्ट्रियल पार्क में होगी।
इस पर विस्तार से जानकारी देते हुए जिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशक (MD) अभ्युदय जिंदल ने कहा, यह कदम कच्चे माल की सुरक्षा के लिए उठाया गया है। हमारे उद्योग के लिए निकल अहम कच्चा माल है और हमने महसूस किया कि इसमें निवेश का मतलब बनता है और अब हम 30 लाख टन वाली कंपनी हैं।
जिंदल ने कहा कि इसके निर्माण में करीब दो साल लगेंगे। हमें वित्त वर्ष 25 तक इसके परिचालन में आने की उम्मीद है।
जिंदल स्टेनलेस की तरफ से दो साल में निवेश किया जाएगा। वित्त वर्ष 24 में 700-750 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 25 में 500-550 करोड़ रुपये। इस संयंत्र की उत्पादन क्षमता 2 लाख टन होगी और यह जिंदल स्टेनलेस की एनपीआई जरूरतें पूरी करेगी।