मई 2006 में, जब वेंकटसामी जगन्नाथन ने अपनी स्टार हेल्थ ऐंड अलायड इंश्योरेंस कंपनी (Star Health and Allied Insurance Company ) शुरू की थी, तो उनके 12 कर्मचारी चेन्नई में माधा चर्च रोड पर एक छोटे से कमरे में बैठकर काम करते थे। इस कार्यालय का मासिक किराया करीब 30,000 रुपये था।
शनिवार को जब उन्होंने स्टार हेल्थ के गैर-कार्यकारी चेयरमैन एवं निदेशक के पद से इस्तीफा दिया, तो कंपनी का बाजार पूंजीकरण (mcap) करीब 30,100 करोड़ रुपये था और कर्मचारियों की संख्या 14,000 थी, जिससे देश की पहली प्रमुख स्वास्थ्य बीमा कंपनी की सफलता की बेमिसाल कहानी का पता चलता है।
दिलचस्प तथ्य यह है कि 79 वर्षीय जगन्नाथन के लिए उनके 53 वर्ष के करियर में यह सिर्फ पहली शानदार पारी नहीं है। स्टार हेल्थ से पहले, वे सार्वजनिक क्षेत्र की दिग्गज यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस को भी सफलता की बुलंदियों पर पहुंचा चुके हैं। जब उन्होंने वर्ष 2001 में यूनाइटेड इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक की कमान संभाली थी, तब कंपनी करीब 50 लाख रुपये के नुकसान में थी और अक्टूबर 2004 में उनके द्वारा अलविदा कहे जाने तक यह 400 करोड़ रुपये से ज्यादा के मुनाफे में थी।
जब पोएस गार्डन में उन घर पर जब बिजनेस स्टैंडर्ड ने जगन्नाथन से उनके भविष्य और स्टार हेल्थ के बारे में पूछा तो वे कुछ हद तक शांत और सहज नजर आए। उन्होंने कहा, ‘लोग आ सकते हैं और जा सकते हैं, लेकिन हमारी कंपनी हमेशा बनी रहेगी।’
जगन्नाथन ने अपना करियर 3 जून, 1970 को हरक्यूलस इंश्योरेंस में शुरू किया और राष्ट्रीयकरण के दौरान यूनाइटेड के साथ प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर जुड़ गए और बाद में कंपनी के CMD बनने में कामयाब रहे। स्टार हेल्थ की शुरुआत करने के लिए उन्होंने ईटीए ग्रुप के साथ भागीदारी की। उन्होंने कहा, ‘सार्वजनिक क्षेत्र में हमने एक कार्यालय शुरू किया था।
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यहां से मैंने ए-टु-जेड सब कुछ शुरू किया। हमने हेल्थ सेगमेंट में प्रवेश किया, क्योंकि मेरा मानना था कि मध्यम आय वर्ग को वित्तीय सहायता की जरूरत है।’ पैसा बचाने के लिए, उन्होंने टाइपराइटर भी खरीदने के बजाय किराये पर लिए थे। पहले दो वर्षों में, लोगों को उनके व्यवसाय के सफल होने का भरोसा नहीं था। हालांकि दो सरकारी स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रमों (पहला आंध्र प्रदेश और दूसरा तमिलनाडु में) के जरिये कंपनी को बड़ी सफलता हासिल करने में मदद मिली। इसके बाद लोगों ने स्टार हेल्थ में दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी।
कंपनी ने हरेक बिल की जांच क लिए चिकित्सकों की एक टीम बनाई थी और आज उनके साथ करीब 400 चिकित्सक हैं और उसे भारत में सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा अस्पताल नेटवर्कों में से एक बनने का श्रेय हासिल है। पूरे देश में कंपनी के नेटवर्क में करीब 13,000 अस्पताल शामिल हैं।
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जगन्नाथन याद करते हुए बताते हैं कि किस तरह से संबद्ध इलाकों से शाखा प्रबंधक नियुक्त किए गए और स्वयं संस्थापक को भी आधी रात में भी ग्राहकों के फोन कॉल का जवाब देना पड़ता था।
अपने करियर के शानदार अनुभव के बारे में बताते हुए जगन्नाथन ने कहा कि कंपनी ने 2022-23 में शानदार प्रदर्शन किया और 618 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया।