दुनिया का सबसे बड़ा हाइब्रिड कार्यस्थल प्लेटफॉर्म – इंटरनैशनल वर्कप्लेस ग्रुप (आईडब्ल्यूजी) अगले 18 से 24 महीने में भारत के अपने पोर्टफोलियो को लगभग 120 केंद्रों से बढ़ाकर करीब दोगुना करेगा। वह इन्हें 250 से ज्यादा करने की योजना बना रहा है।
आईडब्ल्यूजी के मुख्य कार्य अधिकारी (पश्चिमी एशिया, अफ्रीका और एशिया-प्रशांत) मार्क डेस्क्रोजाइल ने कहा कि भारत अभी कंपनी के प्रमुख 15 बाजारों में शामिल है। उन्होंने कहा, ‘हम वृद्धि तेज करने के लिए मौके, साझेदार और निवेशक खोजने का प्रयास कर रहे हैं। अगले तीन से चार साल में भारत आईडब्ल्यूजी के प्रमुख तीन बाजारों में से एक होना चाहिए। हम उसी हिसाब से विकास तेज करने के मामले में अच्छी स्थिति में हैं।’
Also Read: Stock Market: जीडीपी आंकड़ों से पहले निवेशकों के सतर्क रुख से सेंसेक्स, निफ्टी स्थिर बंद
को-वर्किंग क्षेत्र की स्विट्जरलैंड की यह वैश्विक कंपनी अधिग्रहण के लिए भी तैयार है। डेस्क्रोजाइल ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हम बातचीत कर रहे हैं। अभी कुछ खास नहीं है। अगर हम आगे बढ़ते हैं, तो यह रणनीतिक होना चाहिए। हम कुछ ऐसे प्रतिस्पर्धियों को सेवा दे रहे हैं, जो शायद संघर्षरत हों। कुछ को हमारी प्रणाली में शामिल किया जा रहा है।’
आईडब्ल्यूजी ने साल 2025 के पहले 9 महीने के दौरान समूह के राजस्व में 2.8 अरब डॉलर दर्ज किए। साल 2024 में राजस्व 3.7 अरब डॉलर था। कंपनी 120 देशों में 14 ब्रांड के जरिये काम करती है। इनमें रेगस, सिग्नेचर, स्पेसेज और एचक्यू शामिल हैं और वह 80 लाख उपयोगकर्ताओं को सेवा देती है। भारत में आईडब्ल्यूजी 21 सालों से है। यहां वह अभी सिग्नेचर को छोड़कर इन सभी ब्रांड को चलाती है।
उन्होंने कहा, ‘हम अपने प्रीमियम ब्रांड सिग्नेचर को प्रमुख बड़े शहरों के सबसे अच्छे सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट (सीबीडी) में से एक में लाने के लिए बातचीत कर रहे हैं। हमने हाल में अमेरिक में कुछ ऐसे ब्रांड खरीदे हैं, जिन्हें चिकित्सा सेवा में विशेषज्ञता है। अगर हम उन्हें भारत ला सकें तो यह शानदार मौका होगा।’
Also Read: RBI ने 9000 से अधिक परिपत्र खत्म कर नियमों को 244 मास्टर दिशानिर्देशों में समेटा
आईडब्ल्यूजी देश में तकनीक, वितरण और ब्रांड विस्तार में तो निवेश कर रही है, लेकिन रियल एस्टेट में नहीं। डेस्क्रोजाइल ने कहा, ‘हम रियल एस्टेट में निवेश करते थे। लेकिन अब हम ऐसा नहीं करते। हम साझेदारों पर काफी ज्यादा निर्भर हैं। हम मकान मालिकों को साझेदार बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हम जगहों का प्रबंध करते हैं, शुल्क लेते हैं और उनके साथ लाभ साझा करते हैं।’
कंपनी कई हितधारकों के साथ मिलकर काम करती है, जिनमें डेवलपर, इमारतों के मालिक और यहां तक कि एक ही फ्लोर पर जगह रखने वाले व्यक्तिगत निवेशक भी शामिल हैं। वह ग्रेड ए और बी इमारतों में काम करती है तथा जगह, उपलब्धता और मांग के आधार पर ब्रांड चुनती है।