पेंशन जारी रखने के लिए सालाना लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना एक जरूरी काम होता है। लेकिन, बहुत से बुजुर्गों की सबसे बड़ी चिंता यही रहती है कि उनका डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) बैंक या पेंशन डिपार्मेंट ने एक्सेप्ट कर लिया या नहीं।
नीचे हम जानेंगे कि यह पूरा सिस्टम कैसे काम करता है, इसमें क्या-क्या जानकारी देनी पड़ती है। साथ ही इसमें सबसे जरूरी काम यह पता करना होता है कि आपका सर्टिफिकेट एक्सेप्ट हो गया या नहीं।
लाइफ सर्टिफिकेट एक आधार आधारित डिजिटल सर्टिफिकेट है। इससे पेंशन लेने वाले व्यक्ति के जीवित होने की पुष्टि हो जाती है, वो भी बिना बैंक या डिपार्टमेंट के चक्कर लगाए। जैसे ही आप इसे बनाते हैं, यह इलेक्ट्रॉनिक तरीके से आपके पेंशन देने वाले बैंक या डिपार्टमेंट (PDA) तक पहुंच जाता है। हर सर्टिफिकेट का एक अलग प्रमाण-ID नंबर होता है, जिससे आप और डिपार्टमेंट दोनों उसकी स्थिति देख सकते हैं।
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट बनाते समय आपको ये जानकारी डालनी होती है:
Also Read: NPS में शामिल होने का नया नियम: अब कॉर्पोरेट पेंशन के विकल्प के लिए आपसी सहमति जरूरी
इसके बाद फिंगरप्रिंट, आंख की स्कैन या चेहरे की पहचान (बायोमेट्रिक) देनी जरूरी है। अगर कोई भी जानकारी गलत हुई तो सर्टिफिकेट रिजेक्ट हो सकता है। इसलिए बहुत ध्यान से भरें, क्योंकि 30 नवंबर की डेडलाइन नजदीक है।
अगर आप फेस ऑथेंटिकेशन तरीका इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आपके पास एंड्रॉयड फोन होना चाहिए। दो ऐप डाउनलोड करें – AadhaarFaceRD और Jeevan Pramaan Face App।
इसके बाद:
काम पूरा होने पर आपके रजिस्टर्ड मोबाइल पर मैसेज आएगा और डाउनलोड लिंक भी मिल जाएगा।
सर्टिफिकेट जमा करने के बाद यह जरूर चेक करें कि बैंक/डिपार्टमेंट ने उसे मंजूर किया है या नहीं। तरीका बहुत आसान है:
अगर दिसंबर से पहले सही सर्टिफिकेट जमा नहीं हुआ तो पेंशन रुक सकती है। इसलिए अभी समय है, आज ही चेक कर लें और जरूरत पड़े तो दोबारा जमा कर दें।