facebookmetapixel
इस साल आईपीओ से पूंजी जुटाने का बनेगा नया रिकॉर्ड, 93 फर्मों से ₹1.6 लाख करोड़ जुटाने की उम्मीदIMF जल्द करेगा भारत के राष्ट्रीय लेखा डेटा की ‘सी’ रेटिंग का अपग्रेडIndia US trade deal: अमेरिका संग व्यापार करार साल के अंत तक! ज्यादातर लंबित मामले सुलझेवैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत की जीडीपी में जबरदस्त उछाल, दूसरी तिमाही में 8.2% की वृद्धिक्रिप्टो एक्सचेंज CoinDCX का डेटा लीक, थर्ड पार्टी सेवा में लगी सेंध; फंड और केवाईसी सुरक्षितBlack Friday Sale: कारोबार में आएगा उछाल, मॉल और ब्रांडों को बिक्री में दो अंकों की बढ़त की उम्मीद10 बड़े शहरों में 10 वर्ष में प्रदूषण से हो रहा बुरा हाल, कोई शहर नहीं सुरक्षित रहाWPL बोली के बाद दीप्ति शर्मा की ब्रांड वैल्यू में 30% की नई छलांग, बनी बड़े ब्रांडों की पहली पसंदAI से तैयार फर्जी केस संदर्भ? सुप्रीम कोर्ट ने जांच पर जताई सहमतिडिफेंस मॉर्डनाइजेशन पर जोर, बजट में 20% बढ़ोतरी की मांग; निर्यात भी दोगुना करने का लक्ष्य

आकाश ने TLPL को शेयर आवंटन रोककर बढ़ाया विवाद, फेमा उल्लंघन का आरोप

टीएलपीएल कॉर्पोरेट दिवालिया प्रक्रिया में है और समाधान पेशेवर ने पंचाट तथा सर्वोच्च न्यायाल के सामने राइट्स इश्यू का विरोध किया था, लेकिन असफल रहे

Last Updated- November 28, 2025 | 10:28 PM IST
Aakash
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

एडटेक कंपनी बैजूस का संचालन करने वाली कंपनी की सहायक – आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (एईएसएल) ने 100 करोड़ रुपये का राइट्स इश्यू पूरा कर लिया है। इसमें मौजूदा निवेशक मणिपाल ग्रुप (58 करोड़ रुपये) तथा बीयर इन्वेस्टको (16 करोड़ रुपये) को उनके हिस्से के अनुपात में शेयर आवंटन किए गए हैं। लेकिन एईएसएल ने थिंक ऐंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (टीएलपीएल) को शेयर आवंटन यह कहते हुए रोक लिया कि बैजूस की मूल कंपनी द्वारा जमा कराए गए 25 करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा प्रबंधन  अधिनियम (फेमा), कंपनीज अधिनियम, 2013 और बाह्य वाणिज्यिक उधारी (ईसीबी) के निर्देशों का पालन नहीं करते हैं।

टीएलपीएल कॉर्पोरेट दिवालिया प्रक्रिया में है और समाधान पेशेवर ने पंचाट तथा सर्वोच्च न्यायाल के सामने राइट्स इश्यू का विरोध किया था, लेकिन असफल रहे। फिर भी टीएलपीएल ने 25 करोड़ रुपये जमा करते हुए राइट्स इश्यू को सब्सक्राइब करने की कोशिश की।

Also Read: RBI ने कहा: लोन प्राइसिंग हो न्यायसंगत और पारदर्शी, कर्ज लेने वालों का शोषण न हो

टीएलपीएल के पूर्व प्रवर्तक रिजू रवींद्रन ने बेंगलूरु में राष्ट्रीय कंपनी कानून पंचाट (एनसीएलटी) के सामने अर्जी दायर की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि टीएलपीएल ने अपने 25 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू सब्सक्रिप्शन के लिए 100 करोड़ रुपये के डिबेंचर जारी करके पैसे जुटाए, जो विदेश मुद्रा नियमों और निर्देशों का उल्लंघन कर सकते हैं। एनसीएलटी रवींद्रन के आरोपों की जांच कर रहा है।

एईएसएल के प्रमुख (कानून) संजय गर्ग ने कहा, ‘यह साफ है कि टीएलपीएल को मिला पैसा बाह्य वाणिज्यिक उधारी के ढांचे में कर्ज या डिबेंचर वाली प्रकृति का है और इसका इस्तेमाल इक्विटी यानी आकाश में शेयर खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता। अगर किसी नियामकीय अधिकारी द्वारा कोई जांच की जाती है, तो आकाश पर राइट्स इश्यू की अनुमति देने का आरोप लग सकता है, जिससे इक्विटी में निवेश के लिए ईसीबी का इस्तेमाल किया जा सके।’

पैसे की अनुमति के संबंध में स्पष्टता के लिए एईएसएल के जोर देने पर समाधान पेशेवर ने टीएलपीएल और बैजूस अल्फा इंक. (डेलावेयर निवेशक) के बीच हुआ डिबेंचर सब्सक्रिप्शन अनुबंध उपलब्ध कराया और साथ ही कानूनी परामर्श भी दिया जिसमें कहा गया था कि सब्सक्रिप्शन धन में फेमा कानूनों का उल्लंघन नहीं हुआ है।

First Published - November 28, 2025 | 10:19 PM IST

संबंधित पोस्ट