facebookmetapixel
सिर्फ CIBIL स्कोर नहीं, इन वजहों से भी रिजेक्ट हो सकता है आपका लोनBonus Share: अगले हफ्ते मार्केट में बोनस शेयरों की बारिश, कई बड़ी कंपनियां निवेशकों को बांटेंगी शेयरटैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक, इन बातों का रखें ध्यानDividend Stocks: सितंबर के दूसरे हफ्ते में बरसने वाला है मुनाफा, 100 से अधिक कंपनियां बांटेंगी डिविडेंड₹30,000 से ₹50,000 कमाते हैं? ऐसे करें सेविंग और निवेश, एक्सपर्ट ने बताए गोल्डन टिप्सभारतीय IT कंपनियों को लग सकता है बड़ा झटका! आउटसोर्सिंग रोकने पर विचार कर रहे ट्रंप, लॉरा लूमर का दावाये Bank Stock कराएगा अच्छा मुनाफा! क्रेडिट ग्रोथ पर मैनेजमेंट को भरोसा; ब्रोकरेज की सलाह- ₹270 के टारगेट के लिए खरीदेंपीएम मोदी इस साल UNGA भाषण से होंगे अनुपस्थित, विदेश मंत्री जयशंकर संभालेंगे भारत की जिम्मेदारीस्विगी-जॉमैटो पर 18% GST का नया बोझ, ग्राहकों को बढ़ सकता है डिलिवरी चार्जपॉलिसीधारक कर सकते हैं फ्री लुक पीरियड का इस्तेमाल, लेकिन सतर्क रहें

IT सेक्टर में बड़ी हलचल: क्या AI की दस्तक और आर्थिक अनिश्चितता के बीच 20 अरब डॉलर के सौदों की बाजी पलटेगी

इन सौदों को इसलिए भी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है कि इनमें से कई अनुबंधों पर कोविड महामारी के दौरान या उसके तुरंत बाद हस्ताक्षर किए गए थे।

Last Updated- April 07, 2025 | 10:46 AM IST
STPI's focus now on tech startups in small cities and GCC, 10 new technology parks will start soon STPI का फोकस अब छोटे शहरों में टेक स्टार्टअप्स और GCC पर, जल्द शुरू होंगे 10 नए टेक्नोलॉजी पार्क
प्रतीकात्मक तस्वीर

भारत की शीर्ष छह आईटी सेवा कंपनियों और नैसडैक में सूचीबद्ध कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी के पास करीब 20 अरब डॉलर के ऐसे सौदे हैं जिनका नवीनीकरण इसी साल होना है। मामले से अवगत सूत्रों से यह जानकारी मिली। पिछले साल यह आंकड़ा 14 अरब डॉलर का था। इन सौदों का नवीनीकरण खास तौर पर ऐसे समय में काफी मायने रखता है जब वृहद आर्थिक चुनौतियों और अमेरिका द्वारा लगाए गए जवाबी शुल्क के कारण भविष्य की वृद्धि पर अनिश्चितता के बादल दिख रहे हैं।

ये सौदे बैंकिंग वित्तीय सेवा एवं बीमा (बीएफएसआई), खुदरा, डिब्बाबंद उपभोक्ता वस्तुओं और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में हैं। इन सौदों को इसलिए भी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है कि इनमें से कई अनुबंधों पर कोविड महामारी के दौरान या उसके तुरंत बाद हस्ताक्षर किए गए थे। बड़े सौदों को छोड़ दिया जाए तो इनमें से अधिकतर सौदे 3 से 5 साल के लिए किए गए थे।

एचएफएस रिसर्च के अध्यक्ष (अनुसंधान एवं परामर्श) सौरभ गुप्ता ने कहा, ‘इन सौदों का नवीनीकरण सीधे तौर पर नहीं किया जाएगा। अधिकतर ग्राहक प्रतिस्पर्धी बोलियां हासिल करने के लिए बाजार का रुख करेंगे।’ 

जिन प्रमुख अनुबंधों का नवीकरण होना है उनमें टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का जर्मनी की विमानन कंपनियों के कंसोर्टियम स्टार अलायंस के अलावा नीलसन के साथ सौदा शामिल है। इसके अलावा इन्फोसिस का जीई अप्लाइंसेज एवं डेमलर के साथ अनुबंध, एचसीएल टेक का ब्रिटेन की जीवन बीमा कंपनी चेसनारा के साथ अनुबंध, विप्रो का जर्मनी की इलेक्ट्रिक यूटिलिटी कंपनी ईऑन एवं ब्राजील की कंपनी पेट्रोब्रास के साथ सौदा और टेक महिंद्रा का सर्किल हेल्थ के साथ अनुबंध शामिल है।

 

Stock Market Crash: निवेशकों के 10 मिनट में ₹1,80,00,00,00,000 करोड़ स्वाह, संभलने का भी नहीं मिला मौका

सौदों के नवीनीकरण में एआई और जेनएआई की भूमिका काफी अहम रहने के आसार हैं क्योंकि ग्राहक लागत घटाते हुए अपने परिचालन में अधिक दक्षता लाना चाहते हैं। उदाहरण के लिए, इन्फोसिस जर्मनी की वाहन कंपनी डेमलर के साथ अपने मौजूदा 3 अरब डॉलर के सौदे में एआई को शामिल करने और उसे एक एक नया राजस्व स्रोत बनाने की संभावनाएं तलाश रही है। कंपनी को उम्मीद है कि इससे अनुबंध को 2028 से आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

अनुसंधान फर्म आईएसजी के प्रतिष्ठित विश्लेषक स्टैंटन जोन्स ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘इसका प्रभाव उन उद्योगों पर अधिक दिखेगा जो शुल्क से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। वहां हमें निर्णय लेने की प्रक्रिया में सुस्ती दिखेगी। ऐसे में स्थिति स्पष्ट होने तक मौजूदा अनुबंधों को आगे बढ़ाने पर ध्यान दिया जा सकता है।’

मगर इसका मतलब आईटी सेवा फर्मों के लिए कुछ उम्मीद भी हो सकती है क्योंकि वृहद आर्थिक चुनौतियों के कारण लागत को कम करने वाले सौदों में तेजी आएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनियां अपनी लागत को घटाने पर ध्यान देंगी। इसके लिए वे एआई तकनीकों को अपना रही हैं जिससे आईटी सौदों को दम मिलेगा। विप्रो ने फीनिक्स ग्रुप के साथ 50 करोड़ पाउंड के एक सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं। एलऐंडटी टेक्नोलॉजी सर्विसेज ने यूरोप की एक वाहन कंपनी के साथ 5 करोड़ यूरो का एक अनुबंध किया है। मगर लागत कम करने वाले ऐसे सौदों से लघु अवधि में मार्जिन घट सकता है।

First Published - April 7, 2025 | 6:21 AM IST

संबंधित पोस्ट