सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा क्षेत्र की भारतीय कंपनियों ने दूसरी तिमाही में सुस्त वृद्धि दर्ज की। यह वृद्धि ऐसे समय दर्ज की गई जब व्यापक आर्थिक माहौल और ज्यादा खराब नहीं हुआ, हालांकि अनिश्चितताएं बरकरार थीं। इसके बावजूद एचसीएलटेक ने स्थिर मुद्रा के आधार पर 4.6 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की और वह देश की शीर्ष छह आईटी सेवा कंपनियों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली कंपनी बनकर उभरी।
30 सितंबर को समाप्त अवधि के दौरान जहां कुछ शीर्ष कंपनियों ने स्थिर मुद्रा में एक अंक में निचले स्तर पर बढोतरी दर्ज की, वहीं अन्य कंपनियों ने गिरावट दर्ज की। स्थिर मुद्रा के आधार पर एचसीएलटेक की वृद्धि एलटीआईमाइंडट्री (4.4 प्रतिशत) और इन्फोसिस (2.9 प्रतिशत) से अधिक रही। इससे एचसीएल को मुश्किल माहौल में भी सबसे तेजी से बढ़ने वाली आईटी सेवा कंपनी के रूप में अपनी स्थिति मजूब करने में मदद मिली। मोतीलाल ओसवाल ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपनी शोध रिपोर्ट में कहा, ‘एचसीएलटेक सबसे तेजी से बढ़ने वाली लार्जकैप आईटी सेवा कंपनी है और अनिश्चित व्यापक आर्थिक माहौल में सभी तरह के हालात में इसका पोर्टफोलियो लार्जकैप में बेहतरीन दांव बना हुआ है।’
यह आधुनिक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) से राजस्व का ऐलान करने वाली पहली कंपनी भी बन गई और उसने दूसरी तिमाही में 10 करोड़ डॉलर का स्तर पार कर लिया। अधिकारी वृद्धि की संभावनाओं को लेकर सतर्क बने हुए हैं क्योंकि कंपनियों को नीतिगत अनिश्चितताओं और एआई के असर का प्रबंध करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। एआई सॉफ्टवेयर विकास के जीवन चक्र में बाधा डालरहा है और दक्षता बढ़ा रहा है।
हालांकि ज्यादातर कंपनियां कुल अनुबंध मूल्य (टीसीवी) में अच्छी वृद्धि दर्ज कर रहीं हैं। लेकिन वे इन सौदों को हाथ आने में लगने वाले समय को लेकर प्रतीक्षा करना पसंद कर रही हैं, ऐसा अक्सर उमन मामलों में होता है जहां खर्च पर सखअती होती है। यही वजह है कि टीसीएस से 10 अरब डॉलर का टीसीवी, एनएचएस से इन्फोसिस को 1.2 अरब पाउंड का सौदा या पिछले छह महीने में एलटीआईमाइंडट्री के तीन बड़े सौदे तुरंत यह नहीं दर्शाते कि उद्योग मुश्किल से बाहर आ गया है।
अनअर्थइनसाइट्स के संस्थापक गौरव वसु का मानना है कि वित्त वर्ष 26 में सेवा उद्योग 3 से 4 प्रतिशत से ज्यादा नहीं बढ़ेगा, भले ही अनिश्चितता का स्तर घट गया हो। लगातार तीसरे साल एक अंक में निचले स्तर की वृद्धि भारतीय आईटी सेवा प्रदाताओं के लिए लगभग असाधारण रहेगी और यह बात भविष्य में उनके सामने आने वाली संरचनात्मक चुनौतियों को ही बताती है, जो एआई के कारण और भी बढ़ गई हैं।
एचएफएस रिसर्च के संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी फिल फर्श्ट ने कहा कि मुख्य बात यह है कि यह क्षेत्र गिरावट के दौर को पीछे छोड़ चुका है, लेकिन अभी तक अधिक वृद्धि वाले क्षेत्र में नहीं आया है।
उन्होंने कहा, ‘दूसरी छमाही में चुनिंदा तेजी की वजह से वित्त वर्ष 26, वित्त वर्ष 25 की तुलना में कुछ बेहतर होना चाहिए क्योंकि ग्राहक आधुनिकीकरण कार्यक्रमों को फिर से शुरू कर रहे हैं। विकास अब और ज्यादा लोगों को जोड़ने के बजाय एआई, स्वचालन और परिणाम-आधारित मूल्य निर्धारण जैसे नॉन-लिनीअर उपायों पर निर्भर करेगा। बड़े स्तर पर एआई प्लेटफॉर्म और डिलिवरी के इंटेलिजेंट मॉडल बनाने वाले प्रदाता उद्योग के अगले अध्याय की रफ्तार तय करेंगे।’
शीर्ष छह कंपनियों ने दूसरी तिमाही में 3,510 और पहली छमाही में 7,377 लोगों को जोड़ा। एक साल पहले इसी अवधि में क्रमशः 19,767 और 18,261 लोगों को जोड़ा गया था।