एलऐंडटी टेक्नॉलजी सर्विसेज (एलटीटीएस) ने कहा है कि तीसरी तिमाही में उसके कुल कर्मचारियों की संख्या में कमी आने की उम्मीद है क्योंकि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) उसे कम कर्मचारियों के साथ काम करने में मदद कर रही है, यानी राजस्व वृद्धि के साथ-साथ कर्मचारियों की संख्या घटती है क्योंकि ज्यादा काम स्वचालित हो जाते हैं।
इंजीनियरिंग अनुसंधान एवं विकास पर केंद्रित यह मध्यम-स्तरीय आईटी सेवा कंपनी शायद ऐसा कहने वाली पहली कंपनियों में से एक है, क्योंकि मानव संसाधन विशेषज्ञ, हेडहंटर्स और विश्लेषक अभी भी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि ये कंपनियां अपनी प्रक्रियाओं में एआई और एआई एजेंटों का उपयोग करके कितना लाभ कमा रही हैं। किसी भी महत्वपूर्ण लाभ के कारण उन्हें अनिवार्य रूप से भर्ती में धीमी गति से आगे बढ़ना होगा, जो एक आदर्श परिदृश्य है, जिसकी विश्लेषक निकट भविष्य में उम्मीद करते हैं।
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक अमित चड्ढा ने कंपनी के दूसरी तिमाही के नतीजों के बाद बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा, यह अच्छी बात है कि हम एआई का लाभ उठा पाए हैं। हमने अपनी उत्पादकता बढ़ाई है और मेरा मानना है कि अगली तिमाही में भी हमारे कर्मचारियों की संख्या कम होगी क्योंकि एआई हमें उत्पादकता बढ़ाने और उपयोगिता में सुधार करने में मदद कर रहा है। एलटीटीएस के कर्मचारियों की संख्या दूसरी तिमाही में क्रमिक रूप से केवल 52 बढ़ी और 30 सितंबर तक 23,678 हो गई। एक साल पहले भी यह लगभग इतनी ही थी जबकि नौकरी छोड़ने की दर 14.8 फीसदी पर स्थिर रही।
आईटी कंपनियों का परिचालन मॉडल पिरामिड जैसा होता है और वृद्धि के लिए वे लंबे समय से इस ढांचे पर निर्भर रही हैं क्योंकि आधार या कनिष्ठ स्तर पर अधिक कर्मचारियों का मतलब है कि जब भी कंपनी को कोई परियोजना मिलती है तो इंजीनियरों की एक सेना तैयार रहती है, जिन्हें इच्छानुसार तैनात किया जा सकता है।
हालांकि, जनरेटिव एआई और एजेंटिक एआई ने उस मॉडल की व्यवहार्यता के बारे में गंभीर प्रश्न उठाए हैं क्योंकि एजेंट कोड लिख रहे हैं और कई तकनीकी कार्य कर रहे हैं, जिन्हें कुछ वर्षों के अनुभव वाले इंजीनियरों से करने की उम्मीद की जाती थी।
चड्ढा ने कहा, मेरा मानना है कि पिरामिड बदल रहा है, विकसित हो रहा है और यही हमें नए लोगों, एआई एजेंटों और रोबोटों को पिरामिड में शामिल करने की अनुमति दे रहा है। इससे हमें डिलिवरी के मामले में मदद मिलती है। इसलिए आगे चलकर हमारा ध्यान कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने पर ज्यादा नहीं रहेगा।
एलटीटीएस ने दूसरी तिमाही में लगभग 300 नए इंजीनियरिंग स्नातकों को नियुक्त किया तथा तीसरी और चौथी तिमाही में भी इतनी ही संख्या में नियुक्तियां करेगी। पिछले कुछ वर्षों में इसने कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि में संयम बरता है; वित्त वर्ष 2023 में 1,372, वित्त वर्ष 2024 में 738 और वित्त वर्ष 2025 में केवल 446 लोगों को नियुक्त किया। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब सहयोगी कंपनी एलटीआईमाइंडट्री ने पिछले सप्ताह कहा था कि वेतन में क्रमिक वृद्धि अब सामान्य बात हो गई है तथा पुरस्कार एआई रीस्किलिंग से जुड़े हैं।
एलटीटीएस ने दूसरी तिमाही में शुद्ध लाभ में 2.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की, जो 328.7 करोड़ रुपये रहा जबकि राजस्व 15.8 फीसदी बढ़कर 297.95 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस अवधि के दौरान कंपनी 30 करोड़ डॉलर का रिकॉर्ड कुल अनुबंध मूल्य भी छुआ, जिसे स्थायी समाधान व्यवसाय के लिए ग्राहकों से मिले भारी प्रोत्साहन से मजबूती मिली।