भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में 2022 में निवेश मंचों के गठन की गतिविधियां बढ़ी हैं। इसके अलावा क्षेत्र में 4.52 अरब डॉलर के निवेश प्रतिबद्धताएं भी की गई हैं जिन्हें आने वाले वर्षों में अमलीजामा पहनाया जाएगा। संपत्ति सलाहकार जेएलएल इंडिया ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
घरेलू और विदेशी निवेशकों ने गोदाम, ऑफिस संपत्ति, छात्रों के लिए आवास और डेटा केंद्र समेत विभिन्न रियल्टी परियोजनाओं के विकास के लिए रियल एस्टेट डेवलपर के साथ मिलकर निवेश मंचों का गठन किया है। आंकड़ों के मुताबिक, कैलेंडर वर्ष 2019 में 165.1 करोड़ डॉलर के मंच समझौतों/साझेदारियों की घोषणा की गई थी। 2020 में 188 करोड़ डॉलर की और 2021 में यह आंकड़ा 332 करोड़ डॉलर था।
जेएलएल इंडिया ने कहा कि हर साल निवेश प्रतिबद्धताएं भी बढ़ रही हैं जो भारत के रियल एस्टेट बाजार में बढ़ते भरोसे को दिखाता है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘2022 में 452.7 करोड़ डॉलर के मंच समझौतों/साझेदारियों की घोषणा की गई, यह निवेश अगले कुछ वर्षों में किया जाएगा।’
भारत में सबसे बड़े निवेशक अमेरिका और कनाडा से हैं। इन निवेश प्रतिबद्धताओं में सबसे बड़ी 41 फीसदी हिस्सेदारी गोदाम स्थल की और इसके बाद 35 फीसदी ऑफिस क्षेत्र की है। इसके अलावा रियल एस्टेट क्षेत्र में संस्थागत निवेश भी पिछले वर्ष 19 फीसदी बढ़कर 515.1 करोड़ डॉलर हो गया जो 2021 में 413.3 करोड़ डॉलर था।
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पिछले वर्ष संस्थागत निवेशों में सबसे ज्यादा 186 करोड़ डॉलर का निवेश कार्यालय क्षेत्र में आया जो उससे पहले के वर्ष में 136.5 करोड़ डॉलर था। आवास क्षेत्र में 2022 में 156.4 करोड़ डॉलर का निवेश आया। 2021 में यह आंकड़ा 108.1 करोड़ डॉलर था।