वैश्विक उपभोक्ता वस्तु फर्म किम्बर्ली-क्लार्क में उपाध्यक्ष (ट्रांसफॉर्मेशन अधिकारी) और वैश्विक डिजिटल प्रौद्योगिकी केंद्र (जीडीटीसी) के प्रभारी उपाध्यक्ष श्रीकांत जयबालन ने पीरजादा अबरार के साथ वीडियो बातचीत में कहा कि बेंगलूरु में कंपनी का भारतीय सेंटर उसकी वैश्विक रणनीति के लिए वृद्धि का इंजन है। हगीज डायपर, क्लीनैक्स फेशियल टिश्यू और कोटेक्स बनाने वाली कंपनी ने साल 2023 में 20.4 अरब डॉलर की शुद्ध बिक्री की थी। बातचीत के मुख्य अंशः
यह हमारे लिए एक महत्त्वपूर्ण और रणनीतिक केंद्र है। किम्बर्ली-क्लार्क की वृद्धि पर आधारित रणनीति तीन स्तंभों पर टिकी है। पहला, अग्रणी नवाचार में तेजी लाना यानी उपभोक्ताओं की जरूरतों पूरी करने के लिए बेहतर उत्पाद पेश करना।
दूसरा, किफायती उत्पादों की पेशकश के साथ अपने मार्जिन ढांचे को मजबूत करना और बाजार के हर स्तर पर मौजूद रहने के लिए सशक्त बनाना। तीसरा स्तंभ वृद्धि के लिए संगठन को फिर से मजबूत करने पर ध्यान देना है यानी यह सुनिश्चित करना है कि कंपनी में जो हम निवेश कर रहे हैं उसका पूरा फायदा भी ले सकें।
अब अगर इन रणनीतियों को देखेंगे तो पाएंगे कि इन स्तंभों का मूल प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचा है। भारत में जीडीटीसी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक बार जब डिजिटल नवाचार तैयार हो जाएगा तो जीडीटीसी यह सुनिश्चित करेगा कि हम उसे तुरंत बाजार में उतार सकें।
केंद्र परिचालन दक्षता में मददगार है और यह सुनिश्चित करता है कि हमारी प्रक्रिया सुव्यवस्थित हो। विशाल प्रतिभा समूह और संपन्न प्रौद्योगिकी परिवेश के कारण बेंगलूरु को इसके लिए चुना गया है।
जीडीटीसी की जब शुरुआत हुई थी तब मैं इसका हिस्सा था। हमने 25 लाख डॉलर का निवेश किया था। एक छोटे से दफ्तर में इसकी शुरुआत हुई थी। पिछले पांच वर्षों में केंद्र का आकार आठ गुना बढ़ गया है और यह किम्बर्ली क्लार्क का सबसे बड़ा जीडीटीसी है।
किम्बर्ली क्लार्क जीडीटीसी को कम कीमत वाले बैक ऑफिस के तौर पर नहीं देखती है बल्कि यह वैश्विक नवाचार का हब है। जीडीटीसी हमारे उत्तर अमेरिका कारोबार के लिए सैप अपग्रेड जैसे वैश्विक प्लेटफॉर्म पेश करने में अग्रणी होता है। वहां हमारा सबसे बड़ा कारोबार है। आपूर्ति श्रृंखला नवाचार के मोर्चे पर हम पहले से अनुमान लगाते हैं।
हमने एक वैश्विक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) या मशीन लैंग्वेज (एमएल) आधारित आपूर्ति श्रृंखला ऑप्टिमाइजेशन उपकरण मास्ट्रो तैयार किया है और इसने किम्बर्ली क्लार्क के लिए तकरीबन 2 करोड़ डॉलर की बचत की है।
बेंगलूरु जीडीटीसी दफ्तर में इसे तैयार किया गया है। वहीं इसका डिजाइन बना और वहीं रखरखाव किया गया। हम वेयरहाउस प्रबंधन खंड के लिए रोबोटिक्स में भारी निवेश कर रहे हैं। हमने एक वेयरहाउस ऑटोमेशन रोबोटिक्स प्लेटफॉर्म भी बनाया है।
हमारे पास अन्य क्षेत्रों में भी जीडीटीसी है और दुनिया भर में निवेश जारी रखने की हमारी प्रतिबद्धता भी है। मगर हम भारत के अपने जीडीटीसी की निरंतर वृद्धि को लेकर काफी सकारात्मक हैं। हमारी भारतीय रणनीति आईटी क्षमताओं को बताती है। जैसे-जैसे कारोबार आगे बढ़ेगा, हम नई जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी क्षमता बढ़ाएंगे। पिछले पांच वर्षों ने हमें कंपनी की वैश्विक रणनीति के वृद्धि इंजन के तौर पर स्थापित किया है। हम आश्वस्त हैं कि निवेश जारी रहेगा।
भारत एक विशाल बाजार है खासकर इसलिए क्योंकि हमें पता है कि भारत में हर साल बड़ी संख्या में बच्चे जन्म लेते हैं। फिलहाल यह संख्या 2.5 करोड़ से अधिक है इसलिए यहां महत्त्वपूर्ण बाजार बनने की संभावनाएं हैं। यही कारण है कि हमारी शिशु देखभाल श्रेणी खासकर बेबी डायपर उन महत्त्वपूर्ण श्रेणी में शामिल है जिनमें हम काम करते हैं।