देश से स्मार्टफोन के निर्यात में जबरदस्त तेजी आई है। वित्त वर्ष 2023 में निर्यात मूल्य के हिसाब से शीर्ष 20 वस्तुओं में स्मार्टफोन पांचवें पायदान पर रहा। इससे एक साल पहले यानी वित्त वर्ष 2022 में इस सूची में स्मार्टफोन नवें पायदान पर ही था।
सूची में स्मार्टफोन से अधिक निर्यात वाली IHS वस्तुएं डीजल, पेट्रोल, विमान ईंधन और हीरा (औद्योगिक उपयोग के अलावा) शामिल हैं। IHS यानी इंटरनैशनल हार्मनाइज्ड कोड किसी वस्तु की खास पहचान होती है, जिसका उपयोग दुनिया भर में उसके निर्यात और आयात के लिए किया जाता है।
इंडियन सेल्युलर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ICEA) ने वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों का विश्लेषण कर बताया कि वित्त वर्ष 2023 में स्मार्टफोन का निर्यात करीब दोगुना होकर 88,726 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसमें फीचर फोन शामिल नहीं है क्योंकि उनका कोड अलग है। वित्त वर्ष 2022 में 45,000 करोड़ रुपये के स्मार्टफोन का निर्यात किया गया था।
शीर्ष चार वस्तुओं में वाहनों के लिए इस्तेमाल होने वाला वह डीजल शामिल है, जिसमें बायोडीजल बिल्कुल नहीं होता। इसके अलावा औद्योगिक उपयोग में नहीं आने वाले तराशे गए हीरे, विमान ईंधन और कुछ मानकों के साथ पेट्रोल शामिल हैं।
ICEA के अनुसार वित्त वर्ष 2022 में स्मार्टफोन का निर्यात 45,000 करोड़ रुपये यानी 5.7 अरब डॉलर रहा था। इसके साथ ही वह सूची में नौवें पायदान पर रहा था। स्मार्टफोन के निर्यात में यह वृद्धि काफी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि आईसीईए ने अनुमान जाहिर किया है कि वित्त वर्ष 2023 में इस उद्योग का निर्यात बढ़कर 1.20 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2026 तक 4 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच जाएगा। सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स नीति के तहत यह अनुमान जाहिर किया गया है।
स्मार्टफोन के निर्यात में ऐपल इंक की भूमिका प्रमुख रही क्योंकि वित्त वर्ष 2023 के कुल निर्यात मूल्य में उसका योगदान लगभग आधा रहा। दूसरे पायदान पर सैमसंग रही। उसने वित्त वर्ष 2026 तक अपनी 25 फीसदी उत्पादन क्षमता को चीन से हटाकर भारत लाने की योजना बनाई है, जो करीब 20 अरब डॉलर के बराबर है।
बहरहाल वित्त वर्ष 2023 में निर्यात के मोर्चे पर स्मार्टफोन और चौथे पायदान पर मौजूद वस्तु यानी वाहन के पेट्रोल में ज्यादा अंतर नहीं रहा। वाहन में उपयोग वाले पेट्रोल का निर्यात 1,19,716 करोड़ रुपये का रहा।
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इक्रा के अनुसार वैश्विक मंदी और हीरो उद्योग पर उसके प्रभाव के कारण हीरे के निर्यात में 10 से 15 फीसदी की गिरावट की आशंका है। ऐेसे में यदि स्मार्टफोन का निर्यात 4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाता है तो यह दोनों को कड़ी टक्कर दे सकता है।
मगर स्मार्टफोन के निर्यात के लिए भारी मात्रा में पुर्जे आयात करने पड़ते हैं। अब भी भारत में इनमें महज 12 फीसदी से 18 फीसदी मूल्यवर्द्धन किया जाता है। मगर उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के जरिये पात्र कंपनियों को मिलने वाले वित्तीय प्रोत्साहन से स्मार्टफोन के निर्यात में वित्त वर्ष 2026 तक 40 फीसदी तक वृद्धि हो सकती है।