राजस्थान बड़े-बड़े औद्योगिक घरानों को निवेश के लिए लुभा रहा है। राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 में सोमवार को देश के प्रमुख उद्योगपतियों ने निवेश का ऐलान किया। इनमें वेदांत समूह के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने राज्य में जिंक और तेल उत्पादन क्षेत्र में एक लाख करोड़ रुपये लगाने की प्रतिबद्धता जताई। इस निवेश सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री की उपस्थिति में वेदांत के अग्रवाल, आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के आनंद महिंद्रा और अदाणी पोर्ट के प्रबंध निदेशक करण अदाणी आदि ने राज्य में अपने-अपने समूह की मौजूदा एवं भावी निवेश योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि आदित्य बिड़ला समूह अगले कुछ वर्षों में राजस्थान में अपने विभिन्न कारोबारों में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रहा है।
समूह के निवेश में अगले एक-दो वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा में 6,000 करोड़ रुपये का निवेश भी शामिल होगा। इसके अलावा सीमेंट, दूरसंचार और खुदरा क्षेत्र में पैसा लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कंपनी राजस्थान में अपना सीमेंट उत्पादन एक करोड़ टन बढ़ाएगी।
महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने यहां कहा, ‘हमारे सौर प्रभाग ने राजस्थान में 1.1 गीगावाॅट से अधिक क्षमता स्थापित की है। अतिरिक्त 2.8 गीगावॉट क्षमता हासिल करने के लिए 11,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।’ महिंद्रा ने कहा कि समूह ने राज्य में 5,000 प्रत्यक्ष रोजगार सृजन किए हैं और अगले पांच वर्षों में इसमें उल्लेखनीय वृद्धि करने की योजना है।
वेदांत समूह राजस्थान में अपनी कंपनियों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए अगले दो-तीन साल में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगा। इससे रोजगार के एक लाख अतिरिक्त अवसरों का सृजन होगा। वेदांत समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक वर्तमान में 10 लाख टन जस्ता का उत्पादन कर रही है। कंपनी का इरादा इसे दोगुना कर 20 लाख टन करने का है।
अग्रवाल ने कहा, ‘इसमें 800 किलोग्राम चांदी भी बनाई जाती है, जिसे हम दोगुना कर 1.6 टन करने जा रहे हैं। हमारी सभी समूह कंपनियां पूरी तरह से नवीकरणीय ऊर्जा पर काम करेंगी। हम तीन लाख बैरल तेल और गैस का उत्पादन करेंगे। इसमें एक लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा।’ उन्होंने कहा कि वेदांत समूह की योजना राष्ट्रीय खजाने में करों के माध्यम से प्रतिवर्ष अपना योगदान बढ़ाकर 1.5 लाख करोड़ रुपये करने की है। इसमें से 40,000 करोड़ रुपये राजस्थान को मिलने की उम्मीद है।
सम्मेलन में अदाणी पोर्ट्स ऐंड स्पेशल इकनॉमिक जोन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक करण अदाणी ने कहा कि कुल निवेश का 50 फीसदी अगले पांच वर्षों के भीतर निवेश किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘अदाणी समूह विभिन्न क्षेत्रों में 7.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने की योजना बना रहा है।’ करण अदाणी ने कहा, ‘कंपनी की योजना दुनिया का सबसे बड़ा एकीकृत ऊर्जा परिवेश बनाने की है, जिसमें 100 गीगावाॅट नवीकरणीय ऊर्जा, 20 लाख टन हाइड्रोजन और 1.8 गीगावॉट जलविद्युत परियोजनाओं से संबंधित ऊर्जा शामिल हो।’
इसके अलावा ऊर्जा क्षेत्र में सक्रिय अवाडा ग्रुप के चेयरमैन विनीत मित्तल ने राजस्थान को दुनिया के सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा केंद्र में बदलने के लिए सोमवार को एक लाख करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई।