कोयला मंत्रालय भूमिगत वाणिज्यिक कोयला ब्लॉकों की नीलामी को गति देने के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन देने की योजना बना रहा है। कोयला सचिव विक्रम देव दत्त ने कहा कि प्रोत्साहन देने का ढांचा चर्चा के अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि भूमिगत खदानों के लिए अभी जो मौजूद है, इसके अलावा दो प्रोत्साहन और होंगे। कोयला क्षेत्र में अवसर और वाणिज्यिक कोयला खदान की नीलामी को लेकर कोलकाता में आयोजित रोड शो के दौरान उन्होंने यह जानकारी दी।
निवेशकों ने यह जानना चाहा कि भूमिगत खदानों को मिलने वाला प्रोत्साहन आगामी ब्लॉकों पर लागू होगा, या पहले से नीलाम हुए ब्लॉकों पर भी लागू होगा। इसके जवाब में कोयला मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और नामित प्राधिकारी रुपिंदर बराड़ ने कहा कि जो भी संशोधन होगा, वह आगामी खदानों के लिए होगा, अभी तक की स्थिति तो यही है।
सरकारी अधिकारियों ने माना कि भूमिगत खनन में चुनौतियां अधिक हैं, लेकिन खुली खदानों की तुलना में इनकी सतत पहुंच और न्यूनतम विस्थापन को देखते हुए सरकार इन पर विशेष ध्यान दे रही है। आगामी वाणिज्यिक खदान नीलामी के लिए बुधवार को रोडशो का आयोजन किया गया। वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी का 11वां दौर अभी चल रहा है और तकनीकी बोली का मूल्यांकन हो रहा है।
दत्त ने कहा कि अब तक बोली के मामले में अप्रत्याशित प्रतिक्रिया मिली है और भविष्य में तेज वृद्धि का दौर रहने वाला है। वृद्धि को लेकर उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक कोयला खनन में लगातार 30 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि दर दर्ज की जा रही हैं। निजी और वाणिज्यिक खनन मिलाकर पिछले साल करीब 14.7 करोड़ टन उत्पादन हुआ था। इस साल वाणिज्यिक खदानों से 15.7 करोड़ टन उत्पादन पहले ही हो चुका है और लक्ष्य 17 लाख टन पार कर सकता है।