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IIP growth: नवंबर में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि 6 माह के हाई पर

नवंबर में औद्योगिक उत्पादन 5.2% बढ़ा, विनिर्माण क्षेत्र ने दी मजबूती

Last Updated- January 10, 2025 | 10:56 PM IST
IIP Data: Industrial production at 6-month high in November, strong performance of manufacturing sector नवंबर में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन 6 महीने के हाई पर, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का दमदार प्रदर्शन

भारत के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईपीपी) की वृद्धि नवंबर में छह माह के उच्च स्तर पर पहुंच गई। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के शुक्रवार को जारी आंकड़े के अनुसार नवंबर में आईआईपी में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि यह अक्टूबर में 3.7 प्रतिशत थी। नवंबर, 2024 में आईपीपी की वृद्धि 2.5 प्रतिशत थी। इस वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) के पहले आठ महीनों (अप्रैल से नवंबर) में कुल आईपीपी में 4.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी जबकि यह वित्त वर्ष 24 में 6.5 प्रतिशत थी।

आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र (5.8 प्रतिशत) ने औद्योगक उत्पादन को बेहतर होने में प्रमुख भूमिका निभाई। इस माह के दौरान बिजली (4.4 प्रतिशत) और खनन क्षेत्र (1.9 प्रतिशत) ने भी औद्योगिक उत्पादन वृद्धि में सकारात्मक भूमिका निभाई थी। क्रिसिल के अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने बताया कि दूसरी तिमाही (2.7 प्रतिशत) की तुलना में अभी तक तीसरी तिमाही (अक्टूबर – नवंबर में 4.4 प्रतिशत) में आईपीपी वृद्धि अपेक्षाकृत अच्छी रही है। जोशी ने बताया, ‘सरकारी पूंजीगत व्यय फिर से शुरू होने पर नवंबर में आधारभूत ढांचे व विनिर्माण वस्तुओं के उत्पादन और पूंजीगत सामान में उछाल आया।’

इस माह के दौरान विनिर्माण में पहने जाने वाले परिधान, काष्ठ उत्पादों, गैग धातु खनिजों, मशीनरी (बिजली और गैरबिजली), इलेक्ट्रॉनिक्स और परिवहन ने उच्च वृद्धि दर्ज की थी। इस महीने में पांच क्षेत्रों खाद्य उत्पादों, चमड़ा, रिकॉर्डिड मीडिया, प्लास्टिक उत्पादों और अन्य विनिर्माण में गिरावट दर्ज हुई।

हालांकि उपभोक्ता सामान (13.1 प्रतिशत) खंड के कारण इस्तेमाल पर आधारित श्रेणियों में वृद्धि प्रमुख तौर पर वृद्धि हुई। इस क्रम में अन्य योगदान आधारभूत ढांचा (10 प्रतिशत), पूंजीगत सामान (9 प्रतिशत), मध्यवर्ती सामान (5 प्रतिशत) और प्राथमिक उत्पाद (2.7 प्रतिशत) का रहा। बहरहाल, इस माह के दौरान गैर टिकाऊ उपभोक्ता खंड (0.6 प्रतिशत) की वृद्धि में गिरावट दर्ज हुई।

केयर रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा, ‘ग्रामीण क्षेत्र के बेहतर होने के कुछ संकेत हैं। उपभोक्ता गैर टिकाऊ के प्रदर्शन पर आने वाले समय में नजर रखे जाने की जरूरत है।’ इंडिया रेटिंग्स के वरिष्ठ आर्थिक विश्लेषक पारस जसराज ने कहा कि सिंतबर के बाद से आईपीपी में निरंतर वृद्धि का रुझान है। लेकिन औद्योगिक मांग का फिर से मजबूत होने की घोषणा करना जल्दबाजी होगी, क्योंकि यह त्योहारी मांग के कारण हो सकता है।

First Published - January 10, 2025 | 10:56 PM IST

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