facebookmetapixel
प्रीमियम स्कूटर बाजार में TVS का बड़ा दांव, Ntorq 150 के लिए ₹100 करोड़ का निवेशGDP से पिछड़ रहा कॉरपोरेट जगत, लगातार 9 तिमाहियों से रेवेन्यू ग्रोथ कमजोरहितधारकों की सहायता के लिए UPI लेनदेन पर संतुलित हो एमडीआरः एमेजॉनAGR बकाया विवाद: वोडाफोन-आइडिया ने नई डिमांड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख कियाअमेरिका का आउटसोर्सिंग पर 25% टैक्स का प्रस्ताव, भारतीय IT कंपनियां और GCC इंडस्ट्री पर बड़ा खतरासिटी बैंक के साउथ एशिया हेड अमोल गुप्ते का दावा, 10 से 12 अरब डॉलर के आएंगे आईपीओNepal GenZ protests: नेपाल में राजनीतिक संकट गहराया, बड़े प्रदर्शन के बीच पीएम ओली ने दिया इस्तीफाGST Reforms: बिना बिके सामान का बदलेगा MRP, सरकार ने 31 दिसंबर 2025 तक की दी मोहलतग्रामीण क्षेत्रों में खरा सोना साबित हो रहा फसलों का अवशेष, बायोमास को-फायरिंग के लिए पॉलिसी जरूरीबाजार के संकेतक: बॉन्ड यील्ड में तेजी, RBI और सरकार के पास उपाय सीमित

बिजली मांग बढ़ने की आशंका, उत्पादकों को जून 2024 तक 6% कोयला आयात करने का निर्देश

Coal import in India: केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने 4 मार्च की एक अधिसूचना में अनिवार्य आयात की तिथि बढ़ाई है।

Last Updated- March 05, 2024 | 9:52 PM IST
Coal production and supply at record level, big step towards self-reliant India कोयला उत्पादन और सप्लाई रिकॉर्ड स्तर पर, आत्मनिर्भर भारत की ओर बड़ा कदम

सरकार ने सभी बिजली उत्पादकों को जून 2024 तक अपनी कुल कोयला जरूरतों का 6 प्रतिशत आयात जारी रखने के निर्देश दिए हैं। गर्मियों में बिजली की मांग नई ऊंचाई पर पहुंचने की संभावना है, जिसे देखते हुए सरकार ने ये निर्देश दिए हैं। मौसम विभाग ने भी कहा है कि इस साल गर्मी अधिक पड़ेगी।

केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने 4 मार्च की एक अधिसूचना में अनिवार्य आयात की तिथि बढ़ाई है। इसके पहले मंत्रालय ने इस माह के अंत तक कोयला आयात अनिवार्य किया था। हाल के एक नोट में बिजली मंत्री ने कहाथा कि घरेलू कोयले की उपलब्धता मांग पूरी करने के लिए पर्याप्त नहीं होगी।

मंत्रालय के 4 मार्च के दिशानिर्देश में कहा गया है, ‘मंत्रालय ने बिजली आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा की है। अनुमान के मुताबिक गर्मी के सीजन (अप्रैल-जून 2024) में अधिकतम मांग 250 गीगावॉट पहुंच सकती है। आगे यह भी पाया गया है कि घरेलू कोयले की लदान में बढ़ोतरी के बावजूद रेल नेटवर्क से जुड़ी विभिन्न लॉजिस्टिक्स समस्याओं के कारण घरेलू कोयले की आपूर्ति कम बनी रहेगी।’

आदेश में कहा गया है कि गर्मी के अहम महीनों में बिजली की मांग पूरी करने और देश में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र व राज्यों की सभी बिजली उत्पादन कंपनियों और स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) को पर्याप्त कोयला भंडार बनाए रखने की जरूरत है, जो घरेलू कोयले से चलते हैं। ऐसे में मंत्रालय ने 25 अक्टूबर 2023 को जारी परामर्श को जून 2024 तक के लिए बढ़ाने फैसला किया है।

दिशानिर्देश में कहा गया है, ‘सभी बिजली उत्पादन कंपनियों को जून 2024 तक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अपने आयातित कोयला अनुबंधों को सुदृढ़ कर लेने की जरूरत है। जेनको को अपने घरेलू कोयले पर आधारित संयंत्रों पर कोयले के भंडार की स्थिति की लगातार समीक्षा करनी होगी, और जरूरत के मुताबिक आयातित कोयला मिलाना होगा जिससे कि ताप बिजली संयंत्रों के पास कोयले का पर्याप्त स्टॉक बना रहे।’

अक्टूबर में आयातित कोयले पर आधारित इकाइयों को भी कहा गया था कि वे अधिकतम क्षमता के साथ संयंत्र चलाएं, जिससे कि बढ़ी मांग पूरी की जा सके। इस दिशानिर्देश की तिथि भी बढ़ा दी गई है। 2022 में जेनको के लिए उनकी कुल कोयला जरूरतों में 10 प्रतिशत मिश्रण अनिवार्य किया गया था। उसके बाद घरेलू कोयला की कमी का सामना करने वाली जेनकों के लिए इसे स्वैच्छिक बनाया गया था।

जनवरी 2023 में मिश्रण की अनिवार्यता घटाकर 6 प्रतिशत कर दी गई थी। 1 सितंबर को इसे घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया गया। देश के बड़े इलाके में गर्मी के दिन बढ़ने और त्योहारों में मांग बढ़ने से घरेलू कोयले की उपलब्धता में तेज गिरावट हुई, जिससे मंत्रालय ने फिर इसे बढ़ाकर 6 प्रतिशत कर दिया। 2023 में देश में बिजली की मांग सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई, लेकिन गर्मियों में सामान्यतः उच्च मांग रही। सितंबर महीने में देश में बिजली की अधिकतम मांग 240 गीगावॉट पर पहुंच गई। इस साल मांग बढ़कतर 250 गीगावॉट होने की संभावना है, जबकि कुछ अनुमान में 260 गीगावॉट पहुंचने का अनुमान लगाया गया है।

कोयला मंत्रालय को भरोसा है कि मांग पूरी करने के लिए पर्याप्त घरेलू कोयला उपलब्ध होगा। मंगलवार को मंत्रालय ने एक सार्वजनिक बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में फरवरी 2024 तक कुल मिलाकर कोयला उत्पादन बढ़कर 8,807.2 लाख टन (अनंतिम) हो गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 7,853.9 लाख टन था। इससे उत्पादन में 12.14 प्रतिशत वृद्धि का पता चलता है।

केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हाल ही में कहा था कि मंत्रालय को वित्त वर्ष 2025-26 तक कोयले के अतिरिक्त स्टॉक होने का भरोसा है, तब देश देश में शून्य थर्मल कोल आयात होगा। मंत्रालय ने अगले वित्त वर्ष तक 1 अरब टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा है।

मंत्रालय ने कहा कि पिछले महीने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का उत्पादन एक साल पहले के 6.87 करोड़ टन से आठ प्रतिशत बढ़कर 7.47 करोड़ टन (अनुमानित) हो गया। चालू वित्त वर्ष में फरवरी तक कुल कोयला लदान 11 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 88.24 करोड़ टन हो गया, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 79.44 करोड़ टन था। भारत दुनिया में कोयले के शीर्ष पांच उत्पादकों एवं उपयोगकर्ताओं में से एक है।

First Published - March 5, 2024 | 9:52 PM IST

संबंधित पोस्ट