भारत का प्रतिस्पर्धा आयोग नए विलय नियंत्रण और सौदा मूल्य सीमा को अधिसूचित करने की प्रक्रिया में है। आयोग की चेयरपर्सन रनवीत कौर ने सोमवार को बताया कि देशों ने नए दौर की मार्केट की जटिलताओं से निपटने के लिए प्रतिस्पर्धा कानून में बदलाव किया है और इससे महत्त्वपूर्ण बदलाव आया है।
कौर ने बताया, ‘विश्व भर के प्रतिस्पर्धा प्राधिकरणों ने प्रमुख तकनीकी कंपनियों के खिलाफ जांच करने में उल्लेखनीय वृद्धि की है। ऐसे दौर में हमारा उद्देश्य यह है कि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने के साथ कानून प्रवर्तन इन नवाचारों के साथ मिलकर विकसित हो।’
कौर ने सीसीआई के 15वें स्थापना दिवस के संबोधन में कहा कि डेटा महत्त्वपूर्ण स्रोत बन गया है। ऐसे दौर में कंपनियों के डेटा पर प्रभुत्व करने से चिंताएं बढ़ी गई हैं। ऐसे में बड़े आंकड़ों के सेट पर कब्जा करने से असाध्य चुनौतियों खड़ी हो सकती हैं।
कौर ने कहा, ‘कई डिजिटल मार्केट में प्लेटफॉर्म बिज़नेस मॉडल है और ऐसे में एकल कंपनी ही कई तरह की सेवाओं को नियंत्रित करती है। लिहाजा प्लटेफॉर्म की तटस्थता का मुद्दा खड़ा हो गाय है। यह ऐसे में और खास हो जाता है जब प्लेटफॉर्म उस पर आधारभूत ढांचे के लिए आश्रित कंपनियों से प्रतिस्पर्धा करता है।’
सीसीआई की चेयरपर्सन ने बताया कि डिजिटल मार्केट में एल्गोरिदम महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है और यह इस्तेमाल करने वाले के अनुभव से तय होता है। ऐसे में एल्गोरिदम दाम तय करने और उत्पाद के स्थान के प्लेसमेंट को तय करने में अहम भूमिका निभाता है लेकिन एल्गोरिदम में अस्पष्टता होने से प्रतिस्पर्धा के प्रभाव का आकलन करने में चुनौती आ सकती है।
कौर ने बताया, ‘अधिकारी न्यू एज बिज़नेस प्रैक्टिस के दौर में ग्राहकों की पसंद, नवाचार और मार्केट के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले व्यापक प्रभाव का निरंतर आकलन कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए पारंपरिक प्रतिस्पर्धा विश्लेषण को डिजिटल मार्केट के डायनॉमिक्स के साथ समुचित ढंग से जो़ड़ने की जरूरत है। सीसीआई चेयरपर्सन ने बताया कि सीसीआई सर्वश्रेष्ठ तरीकों तक अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहुंच को मजबूत कर रही है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी क्षमताओं को बढ़ा रही है।
सूत्रों के मुताबिक चुनावी आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही सरकार के विलय और अधिग्रहण के नए नियमों व विनियमन को लागू करने की उम्मीद है। यह विनियमन विलय और अधिग्रहण की समयसीमा में बदलाव और सौदा मूल्य सीमा की परिभाषाओं आदि से निपटेगी।
सूत्रों के मुताबिक सीसीआई को लिनियेंसी प्लस, निपटान और प्रतिबद्धता योजनाओं के बारे में कंपनियों से ‘अच्छी प्रतिक्रिया’ मिली है। सूत्रों के मुताबिक लिनियेंसी के अंतगर्गत कॉटिलिस्ट सीसीआई के साथ सहयोग कर सकता है और लिनियेंसी की कार्रवाई शुरू होने पर अन्य कॉटेल के अस्तित्व के बारे में जानकारी दे सकता है। ऐसे में जानकारी देने वाले को दंड में अतिरिक्त छूट मिलेगी।